बेहद बोल्ड और हॉट एक्ट्रेस पूनम पांडे की अचानक मौत की खबर से फिल्म इंडस्ट्री से लेकर उनके फैंस को शॉक में डाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी मौत की वजह सर्वाइकल कैंसर बताया जा रहा है। पूनम पांडे महज 32 साल की उम्र में सर्वाइकल कैंसर से जिंदगी की जंग हार गई। सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे है। यूट्रस के मुंह को सर्विक्स कहा जाता है और वहां पर होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है।
Symptoms and prevention of Cervical Cancer: बेहद बोल्ड और हॉट एक्ट्रेस पूनम पांडे (Poonam Pandey) की अचानक मौत की खबर से फिल्म इंडस्ट्री से लेकर उनके फैंस को शॉक में डाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी मौत की वजह सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) बताया जा रहा है। पूनम पांडे महज 32 साल की उम्र में सर्वाइकल कैंसर से जिंदगी की जंग हार गई। सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे है। यूट्रस के मुंह को सर्विक्स कहा जाता है और वहां पर होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) कहा जाता है।
अगर शुरुआती समय में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के लक्षणों को जान लिया है और जांच और इलाज मिल जाएं तो इसके खौफनाक अंजाम से बचा जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को कम करने के लिए वैक्सीन बेहद आवश्यक है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के लक्षण और बचने के कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे है।
सर्वाईकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer)
सर्वाइकल कैंसर (Ways to Prevent Cervical Cancer) से बचने के होते हैं ये उपाय
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना बहुत जरुरी है। इससे एचपीवी और यौन संचारित संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है। इससे सर्वाइकल से जुड़े रोगों का खतरा कम होता है।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की नियमित जांच बहुत जरुरी है। सर्वाइकल कैंसर की जांच स्मीयर के माध्यम से की जाती है। एचपीवी जांच के साथ इसमें सर्वाइकल सेल्स में होने वाली असामान्यताओं का पता लगाया जाता है। इस जांच से सर्वाइकल कैंसर की समय रहते पहचान करने में हेल्प मिलती है और वक्त रहते ही इस रोग का इलाज हो सकता है।
फल और हरी सब्जियों व साबूत अनाज को डाइट में शामिल करें। इससे सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। फलो और सब्जियों व साबूत अनाजों में एंटी ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को बेहतर करते है। सेल्स में होने वाले बदलावों को रोकने में हेल्प करते है।
इसके अलावा अगर प्रजनन अंगों में किसी भी प्रकार की दिक्कत बनी रहती हो या फिर पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है तो इसकी अनदेखी करने की बजाय समय रहते विशेषज्ञों से परामर्श लें। ताकि इस रोग के खतरनाक नतीजों से बचा जा सके।