लखनऊ । वर्तमान पीढ़ी को बनाने के लिए जितनी मेहनत हो सकती है वो करें। मॉर्निंग असेंबली को नियमित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं। नए सिरे से पीढ़ियों को बनाने का कार्य आप कर रहे हैं। जो पीढ़ियां बनेंगी, वो जीवन भर आपको याद करेंगी। यदि हमारे शिक्षक नहीं