HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. पर्दाफाश
  3. Tahawwur Rana: कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण बोले- कसाब की तरह तहव्वुर राणा को भी मिले मुकदमा लड़ने का कानूनी अधिकार

Tahawwur Rana: कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण बोले- कसाब की तरह तहव्वुर राणा को भी मिले मुकदमा लड़ने का कानूनी अधिकार

Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। राणा को लेकर एक विशेष विमान गुरुवार (10 अप्रैल) दोपहर करीब 2:30 बजे नई दिल्ली पहुंचा। भारत आने के बाद राणा के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। इस बीच देश में सियासत गरमाने लगी है। अलग-अलग राजनीति दलों की ओर से इस पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राणा को अपने खिलाफ मुकदमें कानूनी अधिकार दिये जाने की वकालत की है।

By Abhimanyu 
Updated Date

Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। राणा को लेकर एक विशेष विमान गुरुवार (10 अप्रैल) दोपहर करीब 2:30 बजे नई दिल्ली पहुंचा। भारत आने के बाद राणा के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। इस बीच देश में सियासत गरमाने लगी है। अलग-अलग राजनीति दलों की ओर से इस पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राणा को अपने खिलाफ मुकदमें कानूनी अधिकार दिये जाने की वकालत की है।

पढ़ें :- 'तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में मोदी जी का कोई योगदान नहीं...' कांग्रेस नेता बोले- यूपीए सरकार ने सही समय पर शुरू की थी जांच

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, पृथ्वीराज चव्हाण कहते हैं, “…राणा ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है, जबकि डेविड कोलमैन हेडली ने इसमें भूमिका निभाने की बात स्वीकार की है। इसलिए अमेरिकी सरकार ने हेडली को मुखबिर बनाने का फैसला किया। उन्होंने उसे अपनी ड्रग प्रवर्तन एजेंसी में शामिल किया है। ताकि ड्रग तस्करी पर लगाम लगाई जा सके। वह अब अमेरिकी पेरोल पर है। 2009 से 2025 तक की लंबी लड़ाई के बाद आज उनमें से एक (तहव्वुर हुसैन राणा) को वापस लाया जा रहा है…मुकदमा चलेगा।”

चव्हाण ने आगे कहा, “हम मांग करते हैं कि जिस तरह कसाब के लिए भारतीय कानूनों के तहत उचित सुनवाई हुई, उसे वकील दिया गया और उसे उच्च न्यायालय के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी अपील करने के अवसर मिले। उसे अपनी बात रखने और वकील रखने का अधिकार मिले। इन सबके बाद फैसला सुनाया गया। उसी तरह जब राणा के मामले में सुनवाई होगी तो उसे भी कानूनी अधिकार दिए जाने चाहिए और उसे जो भी सजा दी जाएगी, उसे स्वीकार करना होगा। हमारे देश में कंगारू कोर्ट नहीं चलेगा…” “

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...