उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है। सीएमओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर टेंडर प्रक्रिया में भी खेल किया जा रहा है। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग के घोटालेबाज भी दोषी पाए जाने के बाद भी अपने पद पर जमे हुए हैं। ऐसे में लगता है कि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर स्टोरकीपर जैसे कर्मचारी भारी पड़ने लगे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है। सीएमओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर टेंडर प्रक्रिया में भी खेल किया जा रहा है। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग के घोटालेबाज भी दोषी पाए जाने के बाद भी अपने पद पर जमे हुए हैं। ऐसे में लगता है कि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर स्टोरकीपर जैसे कर्मचारी भारी पड़ने लगे हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं, बलिया के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात स्टोर कीपर पारस नाथ राम की, जिसने कोविड के दौरान जमकर धांधली की। जांच में उसपर लगे आरोप सत्य भी पाए गए, इसके बाद भी वो अपनी जगह पर आज भी तैनात है। विधायक केतकी सिंह ने भी प्रमुख सचिव चिकित्सा को पत्र लिखकर स्टोर कीपर पारस नाथ राम को दूसरे जगह स्थान्तरण करने की बात कही थी। इसके साथ ही यूपी सरकार के परिवहन मंत्री भी उसकी शिकायत कर चुके हैं।

दरअसल, बलिया में 17.05.2021 को भण्डार पंजिका की जांच में सामने आया कि, स्टोर कीपर पारस नाथ राम ने दिनांक 04.05.2021 तक ही सामग्रियों का अंकन किया गया था, उसके बाद कोई अंकन नहीं है। यही नहीं, स्टाक पंजिका को किसी उच्चाधिकारी से अवलोकित भी नहीं कराया गया था। यही नहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी, बलिया के अभिलेखानुसार जेम पोर्टल से तीन प्रकार के सेनिटाइजर वेस्ट केयर 100 एम०एल०, एल्कोहल सेनिटाइजर, माई वाडी केयर 100 एम०एल० सेनिटाइजर, यू-मेड 100 एम०एल० सेनिटाइजर क्रय किए जाने थे। हालांकि, इसके विपरित चार प्रकार के सेनिटाइजर स्वीस हर्वल हैण्ड सेनिटाइजर 100 एम०एल०, कोरोफे सेफ प्लस हैण्ड सेनिटाइजर 120 एम०एल०, ईची साइन हैण्ड सेनिटाइजर 100 एम०एल० (दो प्रकार के) पाए गए। इसके साथ ही, जांच के समय मौके पर अलग सामग्री पायी गयी और अंकित एमआरपी पर ब्लैक मार्कर लगाया गया था।

यही नहीं, इस तरह के कई और गंभीर आरोप भी स्टोर कीपर पारस नाथ राम पर लगे और जांच में वो दोषी भी पाया गया। इसके बाद भी स्टोर कीपर पारस नाथ राम अपनी जगह पर जमा हुआ है। अधिकारियों की जांच में लगातार वो दोषी पाया गया बावजूद इसके उस पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई और न ही उसको कोई वहां से हटा सका।
विधायक ने भी लिखा पारस नाथ राम को हटाने के लिए पत्र
स्वास्थ्य विभाग में बैठकर भ्रष्टाचार करने वाले स्टोरकीपर पारसनाथ राम को हटाने के लिए विधायक केतकी सिंह भी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखा था। इसके बाद भी उसका कुछ नहीं हुआ। आज भी पारसनाथ राम बलिया में ही तैनात है।
NRHM के आरोपी का है करीबी
सबसे अहम बात ये है कि, पारसनाथ राम NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव का भी करीबी है। मुकेश श्रीवास्तव को लाभ पहुंचाने के लिए भी ये काम करता है। इसकी शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक हुई है लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की। सूत्रों की माने तो बलिया के अंदर मुकेश श्रीवास्तव से जुड़ी फर्मों को पारसनाथ और पंकज त्रिपाठी जैसे लोग फायदा पहुंचा रहे हैं।

परिवहन मंत्री ने भी की थी शिकायत
यही नहीं, मुकेश श्रीवास्तव, स्टोरकीपर पारसनाथ और पंकज त्रिपाठी के गठजोड़ की शिकायत यूपी सरकार के परिवन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी की थी। उन्होंने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, मुकेश श्रीवास्तव एवं सहयोगी पंकज त्रिपाठी की फर्मों से गलत तरीके से कई गुना महंगे दामों पर सरकारी धन का दुरूपयोग करते हुए अधोमानक सामानों का क्रय किया गया। इस पूरे मामले में उन्होंने स्टोरकीपर पारसनाथ का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि, पारसनाथ इस पूरे मामले में मुकेश की मदद कर रहा है।