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कूड़ा निस्तारण कंपनी इकोस्तान का कारनामा, अधिकारियों की मदद से कुछ वर्षों में ही बिना काम किए लूटा सरकारी खजाना

कूड़ा निस्तारण को लेकर लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन ये सब दावे सरकारी फाइलों में ही अच्छी लगती है। कूड़ा निस्तारण को लेकर तमाम नियम बनाए गए, ताकि टेंडर मिलने के बाद कंपनियां कूड़ा निस्तारण को लेकर अच्छे से काम कर सके और पर्यावरण को दूषित होने से बचा सकें। लेकिन इसके विपरित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में काम करने वाली कंपनी अधिकारियों की मिलीभगत से चंद दिनों में ही करोड़पति हो गयी।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। कूड़ा निस्तारण को लेकर लाख दावे किए जा रहे हैं लेकिन ये सब दावे सरकारी फाइलों में ही अच्छी लगती है। कूड़ा निस्तारण को लेकर तमाम नियम बनाए गए, ताकि टेंडर मिलने के बाद कंपनियां कूड़ा निस्तारण को लेकर अच्छे से काम कर सके और पर्यावरण को दूषित होने से बचा सकें। लेकिन इसके विपरीत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में काम करने वाली कंपनी अधिकारियों की मिलीभगत से चंद दिनों में ही करोड़पति हो गयी। सामान्य सा एक व्यक्ति इस कंपनी को शुरू करता है और सबकी आंखों में धूल झोंककर उक्त व्यक्ति कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में पहुंचा देता है।

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हम बात कर रहे हैं इकोस्तान कंपनी का, जिसको कुछ साल पहले अभिषेक मिश्रा नाम के एक शख्स ने शुरू की थी। कुछ साल पहले इस कंपनी का ट्रर्नओवर नगण्य था लेकिन अब कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है। दरअसल, इसके पीछे इकोस्तान कंपनी के मालिक और अधिकारियों की मिलीभगत है, जो अब उजागर हो चुकी है। आइए जानतें है कि, आखिर कैसे कुछ साल पहले बनी इकोस्तान कंपनी के मालिक ने किन किन लोगों के साथ मिलकर कूड़ा निस्तारण के नाम पर बड़ा खेल किया और सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया।

दरअसल, इकोस्तान कंपनी के मालिक अभिषेक मिश्रा हैं। ये कंपनी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज समेत अन्य जिलों में कूड़ा निस्तारण का काम कर रही है। लेकिन ये कंपनी कूड़ा निस्तारण के बजाए इसे गड्ढों में ही डंप कर रही है। यही नहीं इसका भुगतान भी आसानी से कंपनी को हासिल हो रहा है। सूत्रों की माने तो इस कंपनी को उत्तर प्रदेश नगरीय विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात का भी साथ खुलकर मिलता है, जिसके कारण कूड़ा निस्तारण के बजाए कंपनी अपना टर्नओवर बनाने में मस्त है।

फर्जी तरीके सर्वे कराकर लेते हैं करोड़ों रुपये
इकोस्तान कंपनी कूड़ा निस्तारण के नाम पर खूब धोखाधड़ी भी करती है। दरअसल, कंपनी कूड़े के डंप का अपनी मर्जी के मुताबिक सर्वे भी कराती है। इसमें अधिकारियों का भी कंपनी को पूरा साथ मिलता है, जिसके कारण कंपनी अपनी मनमर्जी तरीके से भुगतान कराती है। ऐसे ही इकोस्तान कंपनी का महज कुछ सालों में आसानी से करोड़ों का टर्नओवर हो गया।

अंजनी राय और गगन चड्ढा भी निभाते हैं अहम रोल
सूत्रों की माने तो इकोस्तान कंपनी को फर्जी तरीके से काम और भुगतान कराने में अंजनी राय और गगन चड्ढा भी अहम रोल निभाते हैं। बताया जाता है कि, उत्तर प्रदेश नगरीय विकास के प्रमुख सचिव से इनकी नजदीकियां भी काफी है, जिसके कारण ये इकोस्तान कंपनी को टेंडर दिलाने से लेकर फर्जी पेमेंट दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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कूड़ा निस्तारण के नाम पर कई और जिलों में चल रहा खेल
कूड़ा निस्तारण के नाम पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज समेत कई और अन्य जिले हैं, जहां पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। पर्दाफाश न्यूज के हाथ इसके कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पर्दाफाश न्यूज अब सिलसिलेवार तरीके से कूड़ा निस्तारण के नाम पर हो रही करोड़ों की सरकारी लूट का पर्दाफाश करेगी।

 

 

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