अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार एक खबर आ रही है, जिसमें डॉक्टर-इंजीनियर बनाने का दावा करने वाले कोचिंग संस्थान लोगों से फीस वसूलकर गायब हो गए।
नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार एक खबर आ रही है, जिसमें डॉक्टर-इंजीनियर बनाने का दावा करने वाले कोचिंग संस्थान लोगों से फीस वसूलकर गायब हो गए। कन्हैया कुमार ने कहा कि देश में जब भी ऐसा Systematic Failure होता है, तो उसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। लेकिन आज सरकार और बाजार के बीच में देश के विद्यार्थी, नागरिक पिस रहे हैं। आज देश में सपना बेचा जा रहा है और कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आई हुई है, क्योंकि सरकारी व्यवस्था की हालत कमजोर है।
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— Congress (@INCIndia) February 15, 2025
आज देश में हर घंटे करीब 2 छात्र और 24 घंटे में करीब 28 छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। जैसे किसान की आत्महत्या के पीछे सिस्टम जिम्मेदार है, वैसे ही छात्र आत्महत्या के पीछे भी सिस्टम जिम्मेदार है। ये सिस्टम छात्रों को प्रेशर कुकर बना रहा है और उन्हें रोज सपने बेचे जा रहे हैं। सीट कितनी है, पारदर्शी रूप से परीक्षा कैसे होगी, रोजगार के अवसर कितने बनेंगे- इस पर चर्चा नहीं होती है। देश में रोजगार दिलाने के नाम पर सिर्फ कोचिंग संस्थान बन रहे हैं, जो माता-पिता से मोटी फीस वसूलते हैं।
शिक्षा, बाजार और मुनाफे की वस्तु नहीं है। पहले CBSE के एग्जाम और रिजल्ट के बाद छात्र बड़े पैमाने पर सुसाइड कर लिया करते थे, लेकिन तब की UPA सरकार ने फैसला लिया कि हम किसी छात्र को पास और फेल नहीं करेंगे, हम ग्रेड देंगे। आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, इतनी बेरोजगारी हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं रही। PHD के बाद भी छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकार और बाजार के बीच में देश का भविष्य पिस रहा है। ऐसे में सरकार सुनिश्चित करे कि देश में जितने भी खाली पद हैं, उन पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति हो, क्योंकि आज कोई ऐसी नौकरी नहीं है, जिसमें धांधली न होती हो।
एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारी मांग है। कि देश की सरकारी संस्थाओं को बेहतर बनाया जाए, क्योंकि सरकारी संस्थाएं कमजोर होंगी तो निजी क्षेत्र को विकसित होने में मुश्किल होगी। देश में IAS, इंजीनियर-डॉक्टर बनाने का जो धंधा है, उसे रेगुलेट किया जाना बहुत जरूरी है। देश में जितने भी खाली पद हैं, उन्हें पारदर्शी तरीके से भरा जाए।
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