IndiGo Crisis Row: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो परिचालन संकट के चलते हर दिन सैंकड़ों की संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल हो रही हैं। जिसके चलते दिल्ली, बेंगलुरु समेत कई प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान हवाई अड्डों की स्थिति बस अड्डों से भी बदतर नजर आयी है। इस बीच, केंद्र की मोदी सरकार प्रमुख एयरलाइन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है।
IndiGo Crisis Row: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो परिचालन संकट के चलते हर दिन सैंकड़ों की संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल हो रही हैं। जिसके चलते दिल्ली, बेंगलुरु समेत कई प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान हवाई अड्डों की स्थिति बस अड्डों से भी बदतर नजर आयी है। इस बीच, केंद्र की मोदी सरकार प्रमुख एयरलाइन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार इंडिगो के फ्लाइट्स शेड्यूल में 5 प्रतिशत यानी लगभग 110 डेली फ्लाइट्स की कटौती की जा सकती है। सरकार बड़ी संख्या में उड़ानें कैंसिल होने से नाराज है। इंडिगो के फ्लाइट्स शेड्यूल में 5 प्रतिशत की कटौती के बाद आने वाले समय अन्य एयरलाइंस को ये देने की तैयारी में हैं। जिनके पास फ्लाइट्स शेड्यूल क्षमता बढ़ाने के संसाधन हैं। इसके अलावा, इंडिगो को बाद में 5 प्रतिशत और कटौती का सामना करना पड़ सकता है।
इससे पहले सोमवार को राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो संकट पर बयान दिया। उन्होंने कहा, नियमों का उल्लंघन करने वाली एयरलाइन कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सभी कंपनियों के लिए उदाहरण होगा। उन्होंने कहा, “सरकार यात्रियों, पायलटों और क्रू की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगी।” उन्होंने स्पष्ट किया कि एयरलाइन की आंतरिक समस्या के काराण उड़ानें रद्द हुईं थीं। उसे क्रू मैनेजमेंट और रोस्टर को सही तरीके से संभालना चाहिए था।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो के संकट का नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों से लेना-देना नहीं है। जिन यात्रियों को दिक्कत हुई है, उसकी पूरी जिम्मेदारी तय होगी।