इस बाढ़ में बचे एक व्यक्ति ने जब आप बीती सुनाई तो वह बात सुनकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. उसने बताया की अचानक नदी में 6 फिट पानी आ गया. सब बहने लगे मेरी बीबी का हाथ मेरे हाथ में था किसी तरह हम दोनों बचने का प्रयास कर रहे थे. तभी अचानक एक पत्थर से में टकरा गया और मेरी पत्नी का हाथ मुझसे छूट गया.
मुरादाबाद:- उत्तराखंड की देहरादून में बादल फटने से नदी में पानी आ जाने से मुरादाबाद के 11 लोग बह गए थे. जिसमे मुरादाबाद के एक ही गांव के 7 लोगों की मौत हो गयी थी. इस बाढ़ में बचे एक व्यक्ति ने जब आप बीती सुनाई तो वह बात सुनकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. उसने बताया की अचानक नदी में 6 फिट पानी आ गया. सब बहने लगे मेरी बीबी का हाथ मेरे हाथ में था किसी तरह हम दोनों बचने का प्रयास कर रहे थे. तभी अचानक एक पत्थर से में टकरा गया और मेरी पत्नी का हाथ मुझसे छूट गया और वह पानी में मेरे सामने बहती हुई चली गयी. मेरे चार बच्चों के सर से उनकी मां का साया उठ गया.
उत्तराखंड के देहरादून में अचानक बादल फटने से जो तबाही हुई उस मंजर को बया नहीं कर सकते. इसी तबाही में मुरादाबाद की तहसील बिलारी के गांव मुड़िया जैन के रहने वाले 6 लोगों की मौत हो गयी. इस तबाही में अपनी पत्नी को खोने वाले और किसी तरह से बचने वाले अजय पाल ने जब हादसे की पूरी जानकारी दी तो उसने शरीर पर लगी चोटों के दर्द से कराहते हुए बताया कि नदी में एक ट्रेक्टर ट्राली पर सवार होकर में और मेरी पत्नी किरण सहित 14 लोग काम पर जा रहे थे. बीच नदी में ही पहुचे थे कि अचानक 6 फिट से अधिक पानी बहुत तेजी से आ गया. पानी का बहाव बहुत तेज होने कि वजह से ट्राली पलट गयी हम सब ट्राली से नदी में गिर गए. सभी लोग पानी के बहाव में बहने लगे और एक एक करके सभी पानी में डूबते चले गए.
नदी में बहते हुए पत्नी का हाथ छूट गया और वह पानी में बह गयी, बहते हुए पेड़ पकड़कर बची मेरी जान देहरादून आपदा में बचे मुरादाबाद के अजय पाल की दर्द भरी कहानी pic.twitter.com/fw2oazz90Q
— Pardaphash Today (@PardaphashToday) September 18, 2025
पत्नी को बचाने का प्रयास लेकिन पत्थर से टकराने से छूटा पत्नी का हाथ:-
जिस पत्नी का हाथ पकड़कर 7 जन्मों के लिए एक साथ जीने मरने की कसम खायी थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. नदी में बहने पर अजय पाल ने अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन किस्मत में कुछ और लिखा था पानी में बहने के कुछ देर तक तो पत्नी का हाथ पकड़कर बचाने का प्रयास किया लेकिन अचानक नदी में एक पत्थर से टकरा गया और उसका हाथ पत्नी के हाथ से छूट गया. पत्नी किरण पानी में बहती चली गयी और उसकी मौत हो गयी।
पेड़ पकड़कर बचायी जान :-
कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा इस कहावत का जीता जागता उदहारण अजय पाल का वह वीडियो हैं जिसमे वह नदी के तेज बहाव में एक पेड़ के सहारे झाड़िया पकड़े हुए खून से सना हुआ बैठा हैं और मदद के लिए लोगों से गुहार लगा रहा हैं. दरसल पत्नी का हाथ छूटने के बाद नदी के तेज बहाव में उसने तैर कर अपने आपको बचाने का प्रयास किया और करीब र से तो किलोमीटर दूर पंहुचा तो अचानक नदी में तेरता हुआ पेड़ मिल गया और उसने बचने के लिए उसको पकड़ लिया. करीब चार किलोमीटर के बाद वह पेड़ किसी तरह किनारे लगा और अजय पाल की जान बच सकी.
बीते बुधवार को अजय पाल की पत्नी का अंतिम संस्कार हो गया लेकिन वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाया. वह घर में ही एक चारपाई पर पड़े हुए दर्द से कराहता रहा. पत्नी का अंतिम संस्कार उसके बेटे ने किया.
सुशील कुमार सिंह
मुरादाबाद