प्रेगनेंसी किसी भी मां बाप के लिए बेहद महत्वपूर्ण अनुभव होता है। खासकर प्रगेनेंसी का पहला महिना। क्योंकि जरा सी भी लापरवाही से बड़ी मुसिबत खड़ी कर सकती है।
प्रेगनेंसी (Pregnancy) किसी भी मां बाप के लिए बेहद महत्वपूर्ण अनुभव होता है। खासकर प्रगेनेंसी का पहला महिना। क्योंकि जरा सी भी लापरवाही से बड़ी मुसिबत खड़ी कर सकती है।
क्योंकि पहले महिने में ही भ्रूण का विकास होना शुरु हो रहा होता है। प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने तो वैसे भी प्रेगनेंट महिला के लिए बहुत संभल कर चलने वाले होते है। इसलिए सबसे पहले तो प्रेगनेंसी (Pregnancy) में जरा सी भी टेंशन न लें। जितना हो सके हेल्दी खाएं और खूब खुश रहे ताकि आपका बच्चा इस दुनिया आएं तो खूब हेल्दी हो और खुशमिजाज हो। टेंशन को दूर करने के लिए मेडिटेशन, योग और संगीत की मदद से सकती हैं।
अगर आप शराब या सिगरेट पीती हैं तो बेहतर है इसे भूल ही जाएं। क्योंकि शराब, सिगरेट का सेवन आपके होने वाले बच्चे के लिए मुसिबत बन सकता है। इसके अलावा चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का अधिक सेवन न करें। इसके अधिक सेवन से सीने में जलन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
प्रेगनेंसी (Pregnancy) के शुरू में पौष्टिक खाने की आदत डालें।अधिक तला-भुना न खाएं, इससे आपका बीपी बढ़ सकता है। साथ ही पाचन खराब कर सकता है। इतना ही नहीं अधिक ऑयली खाना खाने के बाद एसिडिटी बढ़ा सकता है।
बाजार की चीजों और फास्ट फूड खाने से बचें। ऐसा करने से आप इन्फेक्शन से दूर रहेंगे। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) की पहली तिमाही में भ्रूण अस्थिर होता है और गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है।
इसलिए ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में बैठने, लगातार खड़े रहने और लंबी यात्रा से बचें। झटकों या सफर की थकान हानिकारक साबित हो सकती है। झुकने और भारी चीजों को उठाने से बचें। घर के कामकाज में भी इसका ध्यान रखें। गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ यह सावधानी ध्यान में रखनी होगी।