लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में भी बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। बाढ़ के कारण यहां के कई क्षेत्रों में आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। लोगों को जरूरत के सामान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। कई जगहों पर अभी भी नदियां खतरे के निशाना से ऊपर बह रही हैं। वहीं, प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। दरअसल, जुलाई के पहले सप्ताह में ही भीषण बाढ़ का सामना लोगों को करना पड़ा। अक्सर जुलाई के आखिरी या फिर अगस्त महीने में बाढ़ देखने को मिलती थी लेकिन इस बार जुलाई शुरू होते ही उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में कनौट, गर्रा और रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने की वजह से तमाम गांव और मुख्य मार्ग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। वहीं दूसरी ओर सीतापुर में गोमती, बलिया में सरयू, आजमगढ़ में घाघरा, हरदोई में गर्रा और मऊ में सरयू खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
इसके साथ ही लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में भी बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। बाढ़ के कारण यहां के कई क्षेत्रों में आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। लोगों को जरूरत के सामान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है। वहीं, लखीमपुरी खीरी के पलिया, भीरा और आसपास के क्षेत्र में पानी भरा हुआ है।