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अग्निवीरों की सेवा शर्तों में नहीं होगा कोई भेदभाव : लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी

अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt Gen Anil Puri) ने समीक्षा बैठक के बारे में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ देश की तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना चाहते हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt Gen Anil Puri) ने समीक्षा बैठक के बारे में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ देश की तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना चाहते हैं।

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अग्निवीर का प्लान आज का नहीं ,1989 का है

अनिल पुरी (Anil Puri)ने कहा कि आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं। अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है। सेनाओं की औसम उम्र कम करना हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि भारत की तीनों सेनाओं में होश और जोश का अच्छा मिश्रण हो।अग्निवीर का प्लान 1989 का है, आज का नहीं है। किसी तरह सेनाओं की औसत उम्र 32 साल से 26 साल लाई जा सके, हम चाहते हैं। हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए, क्योंकि हमें जूनून के साथ जोश चाहिए। हमारा उद्देश्य देश की सेना को यंग करना है। आज के यंग टेक सेवी हैं, ड्रोन वॉर के लिए हमें तैयार होना है। आज का युवा टेक्नोलॉजी समझता है।

लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी (Lt Gen Anil Puri)  ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में तैनाती पर वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में अग्निवीरों के लिए कोई भेदभाव नहीं होगा। अगले 4-5 वर्षों में, हम (सैनिकों का) 50-60,000 तक भर्तियां करेंगे और बाद में यह बढ़कर 90,000 से 100000 हो जाएगा।

बलिदान होने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मिलेगा मुआवजा

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अनिल पुरी (Anil Puri) ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं 

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt Gen Anil Puri) ने कहा कि ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

वायुसेना ने भी जारी की भर्ती की डिटेल

इन सब के बीच भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती करने के लिए विवरण जारी किया है। इस विवरण में वायुसेना ने बताया है कि अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक नई मानव संसाधन प्रबंधन योजना है। इस योजना के माध्यम से शामिल किए गए उम्मीदवारों को अग्निवीर कहा जाएगा। इनकी भर्ती वायुसेना अधिनियम 1950 के तहत चार वर्षों के लिए की जाएगी। देश के सभी हिस्सों से उम्मीदवारों को अग्निवीर के रूप में नामांकित करने का प्रयास किया जाएगा।

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यह रहेगी आयु-सीमा

इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा। बता दें कि उम्मीदवारों को सशस्त्र बलों में आगे नामांकन के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। चयन सरकार का अनन्य क्षेत्राधिकार होगा। मेडिकल ट्रेडमैन को छोड़कर भारतीय वायु सेना के नियमित कैडर में एयरमैन के रूप में नामांकन केवल उन्हीं कर्मियों को दिया जाएगा, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी कर ली है।

जानें प्रमुख बातें-

चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती।

हर साल 30 दिन की छुट्टी मिलेगी।

सिक लीव भी मिलेगा।

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हर महीने 30 हजार की सैलरी।

हर साल इन्क्रीमेंट।

रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस।

कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा।

चार साल के बाद अग्निवीरों को 10.04 लाख सेवा निधि के रूप में।

असम राइफल्स और सीएपीएफ में नौकरियों में वरीयता।

शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि।

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विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि।

वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड।

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