कई महिलाओं को मां बनने में काफी मुश्किलें आती हैं। वो समझ नहीं पाती कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है। अगर गर्भाशय कमजोर हो तो भ्रूण का ठहरना मुश्किल हो जाता है। इससे मां बनने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
कई महिलाओं को मां बनने में काफी मुश्किलें आती हैं। वो समझ नहीं पाती कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है। अगर गर्भाशय कमजोर हो तो भ्रूण का ठहरना मुश्किल हो जाता है। इससे मां बनने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी बच्चेदानी कमजोर (Weak Uterus) होने की वजह से अधिकतर महिलाओं का मां बनने का सपना अधूरा रहा जाता है।
हेल्थ वेबसाइट में प्रकाशित लेख के अनुसार अगर किसी महिला का यूट्रेस कमजोर (Weak Uterus) है तो उसे अक्सर पेल्विक एरिया में दर्द या असहजता महसूस हो सकती है। कभी कभी यह दर्द लगातार होता रहता है। यह दर्द बहुत अधित तेज भी हो सकता है और हल्का भी।
जिन महिलाओं का गर्भाशय कमजोर (Weak Uterus) होता है उन्हें अक्सर हैवी ब्लीडिंग या असामान्य ब्लीडिंग होती है। यह नहीं ब्लीडिंग कई दिनों तक हो सकता है। स्त्री विशेषज्ञ के अनुसार अगर किसी महिला का गर्भाशय कमजोर है, उनके लिए कंसीव करना बेहद मुश्किल होता है। लंबे समय तक कंसीव करने में भी दिक्कतें आती है। अगर कंसीव भी हो जाता है तो बार बार गर्भपात हो सकता है। वहीं महिला की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
जिन महिलाओं की बच्चेदानी कमजोर (Weak Uterus) होती है उन्हें पीठ दर्द की दिक्कत होती रहती है। बच्चेदानी कमजोर होने पर महिलाओं को पेल्विक एरिया में में दबाव लगता है और भारीपन महसूस होने का मतलब कमजोर बच्चेदानी की निशानी है। बच्चेदानी कमजोर (Weak Uterus) होने पर महिला के गर्भाशय के आकार में बदलाव हो जाता है।