New Delhi: भारत के प्रकाश का पर्व दीपावली को बुधवार (10 दिसंबर, 2025) को UNESCO की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रिप्रेजेंटेटिव लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। यह फ़ैसला दिल्ली के लाल किले में हो रही UNESCO की एक ज़रूरी मीटिंग में लिया गया। यह पहली बार है जब भारत इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज (ICH) की सुरक्षा के लिए इंटरगवर्नमेंटल कमिटी के सेशन को होस्ट कर रहा है।
New Delhi: भारत के प्रकाश का पर्व दीपावली को बुधवार (10 दिसंबर, 2025) को UNESCO की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रिप्रेजेंटेटिव लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। यह फ़ैसला दिल्ली के लाल किले में हो रही UNESCO की एक ज़रूरी मीटिंग में लिया गया। यह पहली बार है जब भारत इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज (ICH) की सुरक्षा के लिए इंटरगवर्नमेंटल कमिटी के सेशन को होस्ट कर रहा है।
UNESCO पैनल का 20वां सेशन 8 से 13 दिसंबर तक लाल किले पर चल रहा है। भारत के अभी UNESCO की इंसानियत की इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज की रिप्रेजेंटेटिव लिस्ट में 15 चीज़ें शामिल हैं, और इनमें कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा डांस, योग, वैदिक मंत्रोच्चार की परंपरा और रामलीला – महाकाव्य ‘रामायण’ का पारंपरिक प्रदर्शन शामिल है।
A historic day for India.
Deepavali has been officially inscribed on the UNESCO List of Intangible Cultural Heritage of Humanity.
During the tenure of Hon’ble PM Shri Narendra Modi Ji, India’s cultural heritage is receiving unprecedented global recognition and this milestone… pic.twitter.com/pZDH7nqu85
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) December 10, 2025
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने UNESCO की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रिप्रेजेंटेटिव लिस्ट में शामिल किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन। दीपावली को ऑफिशियली UNESCO की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल किया गया है। माननीय PM श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में, भारत की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया भर में बहुत ज़्यादा पहचान मिल रही है और यह मील का पत्थर उस सफ़र को और मज़बूत करता है।
शेखावत ने आगे लिखा, “यह सम्मान हमारे रोशनी के त्योहार के यूनिवर्सल मैसेज का जश्न मनाता है: निराशा पर उम्मीद, बंटवारे पर मेलजोल, और सभी के लिए रोशनी। UNESCO और हमारी हमेशा रहने वाली परंपराओं के हर रखवाले का मैं शुक्रगुजार हूं। जय हिंद।”