लखनऊ चंडीगढ़ सुपरफास्ट (12231, 12232) इस समय पैसेंजर ट्रेन को फेल किए हुए है। रविवार 23 अप्रैल को चंडीगढ़ से लखनऊ जंक्शन के लिए 667 किलोमीटर की यात्रा को 16 घंटा 30 मिनट का एक नया रिकॉर्ड तय किया है। यह ट्रेन शनिवार 22 अप्रैल को 21 बजकर 05 मिनट पर चंडीगढ़ से निधारित समय सारणी से रवाना हुई, लेकिन लखनऊ जंक्शन पर 23 अप्रैल को 13 बजकर 30 मिनट पर पहुंची। जबकि इसके लखनऊ जंक्शन पर पहुंचने का समय सुबह 08 बजकर 25 मिनट तय है।
लखनऊ। लखनऊ चंडीगढ़ सुपरफास्ट (12231, 12232) इस समय पैसेंजर ट्रेन को फेल किए हुए है। रविवार 23 अप्रैल को चंडीगढ़ से लखनऊ जंक्शन के लिए 667 किलोमीटर की यात्रा को 16 घंटा 30 मिनट का एक नया रिकॉर्ड तय किया है। यह ट्रेन शनिवार 22 अप्रैल को 21 बजकर 05 मिनट पर चंडीगढ़ से निधारित समय सारणी से रवाना हुई, लेकिन लखनऊ जंक्शन पर 23 अप्रैल को 13 बजकर 30 मिनट पर पहुंची। जबकि इसके लखनऊ जंक्शन पर पहुंचने का समय सुबह 08 बजकर 25 मिनट तय है।
इस वजह से कई यात्रियों को जो दूसरी ट्रेन पकड़नी थी वह छूट गई। इसके अलावा कई छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होना था। वह नहीं शामिल हो पाए। इसके साथ ही कई यात्री ऐसे मिले जिन्होंने बताया कि मुझे डॉक्टर को दिखाना था अब कैसे दिखा पांउगा? अब सवाल उठता है कि रेलवे विभाग सुपरफास्ट सेवा दिखा कर अपनी जेबें तो भर रहा हैं, लेकिन सुपरफास्ट के नाम पर जनता से जो छलावा हो रहा है। उसकी भरपाई कौन करेगा?
ट्रेन के सुबह 08 बजकर 25 मिनट यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचने की समय सारणी देख यात्री अपना कार्यक्रम निर्धारित करते हैं। इस बारे में जब एक यात्री ने रेल मंत्रालय व रेलमंत्री अश्चिनी वैष्णव को टैग करते हुए ट्वीट किया तो रेल सेवा ने जबाव देते हुए ट्वीटर यूजर से कहा कि आप कृपया यात्रा की डिटेल (पीएनआर स्टेट्स यूटीएस नंबर) और मोबाइल नंबर दें। सहित अन्य सुझाव देकर कहा कि 139 डॉयल करें।
we request you to please share the journey details (PNR/UTS No.) and Mobile No. with us preferably via DM. You may also raise your concern directly on https://t.co/JNjgaq11Jl or dial 139 for speedy redressal. https://t.co/utEzIqAAkm
— RailwaySeva (@RailwaySeva) April 23, 2023
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अब सवाल उठता है कि इससे क्या समाधान होगा? जबकि रेल विभाग दावा करने से कभी नहीं चूकता है कि हमने रेल विभाग को बदल दिया है। अब यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि 667 किलोमीटर की यात्रा को 16 घंटा 30 मिनट सुपरफास्ट ट्रेन ऐसे मौसम में तय करेगी। तो इसकी जबावदेही कौन तय करेगा? या फिर ट्रेन भगवान भरोसे ही संचालित होगी। विदेशों की तर्ज कब तय होगा कि ट्रेन विलंब होने पर उसका हर्जाना रेलवे को भरना होगा? यह सवाल सुपराफास्ट सेवा के नाम पर छला जा रहा हर यात्री रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से पूछ रहा है।
लखनऊ चंडीगढ़ सुपरफास्ट (12231, 12232) को हम तो मात्र उहारण देकर बता रहे हैं। यही हाल इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनों का है। जो घंटों-घंटों विलंब से चल रही है, लेकिन रेलवे के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है और यात्री आए दिन भुगत रहे हैं।