नेपाल (Nepal) की राजनीति (politics) में आज का दिन हमेशा के लिए याद किया जाएगा। वर्षों से एक साथ आवाज बुलंद करने वाले सीपीएन-यूएमएल (cpn-uml) के साथी की राहें अब जुदा हो गई।दो धड़ों में बंटी नेपाल (Nepal) की मुख्य विपक्षी पार्टी और देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल आधिकारिक रूप से विभाजित हो गई है।
काठमांडू: नेपाल (Nepal) की राजनीति (politics) में आज का दिन हमेशा के लिए याद किया जाएगा। वर्षों से एक साथ आवाज बुलंद करने वाले सीपीएन-यूएमएल (cpn-uml) के साथी की राहें अब जुदा हो गई।दो धड़ों में बंटी नेपाल (Nepal) की मुख्य विपक्षी पार्टी और देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल आधिकारिक रूप से विभाजित हो गई है।
इसका एक धड़ा असंतुष्ट नेता माधव कुमार नेपाल (Madhav Kumar) के नेतृत्व में नये राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर रहा है। सरकार ने राजनीतिक दलों में विभाजन के लिए एक विवादास्पद अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिसके बाद वह आवेदन कर रहे हैं।
माधव कुमार नेपाल ने बुधवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष नयी पार्टी सीपीएन-यूएमएल (समाजवादी) के पंजीकरण के लिए आवेदन किया। इससे पहले बुधवार को मंत्रपरिषद् की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राजनीतिक दल अधिनियम में बदलाव के लिए अध्यादेश जारी किया। इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों में विभाजन की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
संशेाधन अध्यादेश के मुताबिक किसी राजनीतिक दल के संसदीय दल और केंद्रीय समिति के 20 फीसदी या अधिक सदस्य मूल पार्टी से अलग हो सकते हैं। संशोधन से पहले राजनीतिक दल कानून के तहत संसदीय दल और केंद्रीय समिति के 40 फीसदी सदस्यों का समर्थन मूल पार्टी के अलग होने के लिए जरूरी था।