पुस्तक के लेखक योगी विकास ने बताया कि लोगों के आरोग्य व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार भी अनेक अभियान व कार्यक्रम चलाती हैं। जिनमें मोदी सरकार ने भी "फिट इंडिया" व "खेलो इंडिया" जैसे अनेक अभियान चलाए हैं। इस प्रकार इनके लिए योग भी मुख्य है। इसके लिए देश-विदेशों में अनेक संस्थाएं, स्कूल, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों आदि में योग शिक्षण, योग प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम चलाये जाते हैं।
नई दिल्ली। आज दुनिया में अनेक चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं, जिनमें एक सबसे बड़ी चुनोती हैं-आरोग्य व स्वास्थ्य। इन दोनों के लिए जरूरी है योग, और जरुरी है योग को सही व व्यावहारिक तरीके से सीखना-सीखाना, पढ़ना-पढ़ाना, सामन्जस्यपूर्ण अवधारणा आदि। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर योगी विकास द्वारा लिखित “योग शिक्षण व प्रबंधन” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।
पुस्तक के लेखक योगी विकास ने बताया कि लोगों के आरोग्य व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार भी अनेक अभियान व कार्यक्रम चलाती हैं। जिनमें मोदी सरकार ने भी “फिट इंडिया” व “खेलो इंडिया” जैसे अनेक अभियान चलाए हैं। इस प्रकार इनके लिए योग भी मुख्य है। इसके लिए देश-विदेशों में अनेक संस्थाएं, स्कूल, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों आदि में योग शिक्षण, योग प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए योगी विकास ने “योग शिक्षण व प्रबंधन” नामक पुस्तक लिखी। जिसका विमोचन हिमाचल प्रदेश में गीता भवन, नादौन से आज केन्द्रीय सूचना व प्रसारण और युवा कर्यक्रम व खेल मंत्री माननीय अनुराग ठाकुर ने किया।
योगी विकास ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के उपरांत 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ और 2015 में 21 जून को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसके उपरांत स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वहीं कोरोना महामारी काल ने भी योग के महत्व पर मोहर लगा दी। आरोग्य व स्वास्थ्य के लिए योग जितना जरूरी है उतना ही योग मानव के पोटेंशियल डेवलोपमेन्ट के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए देश-दुनिया में प्रमाणित योग कोच, योग ट्रेनर, योग शिक्षकों की भी मांग बढ़ रही है।
योग की देश-विदेश में बढ़ती इसी मांग को देखते हुए “इंटीग्रेटेड अप्रोच टू टीचिंग एंड लर्निंग ऑफ योगा” अवधारणा पर यह पुस्तक लिखी गई है। जिसमें प्राचीन व आधुनिक, पूर्वी व पाश्चात्य धाराओं का सामंजस्य बनाकर योग का व्यावहारिक दृष्टिकोण बताया गया है। जिसमें अनुराग ठाकुर द्वारा संदेश पत्र लिखा गया है, प्राक्कथन हिमाचल विश्वविद्यालय के पूर्व योगविभागध्यक्ष व पतञ्जलि विश्विद्यालय के पूर्व डीन डॉ जी.डी. शर्मा, शुभाशंसा अमेरिका में योग विसेसज्ञ रहें डॉ सोमवीर आर्य, हरियाणा सी.आर.एस.यू. के डॉ विरेन्द्र सिंह, पतंजलि विश्वविधालय के डॉ नरेंद्र राणा तथा भूमिका पूर्व योग प्रचारक अमित ठाकुर ने लिखी हैं। इस पुस्तक के विमोचन के साथ ही लेखकों योग क्षेत्र में इंटीग्रेटेड अप्रोच पर पहली पुस्तक राष्ट्र व पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। योगी विकास व अमित ठाकुर ने पूरी टीम की तरह से अनुराग सिंह ठाकुर, गुरुजनों व सहयोगियों का धन्यवाद किया।