ति जनगणना की मांग तेज होने लगी है। बिहार के बाद भी उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी दल इस मांग को तेज कर दिए हैं। अब यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषण में यूपी में जाति जनगणना कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना जाति जनगणना के सबका साथ सबका विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है।
UP Budget session: जाति जनगणना की मांग तेज होने लगी है। बिहार के बाद भी उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी दल इस मांग को तेज कर दिए हैं। अब यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषण में यूपी में जाति जनगणना कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना जाति जनगणना के सबका साथ सबका विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है।
उन्होंने कहा कि सपा ने पहले भी मांग की है और अब भी इसके पक्ष में हैं कि यूपी में जाति जनगणना की जानी चाहिए। साथ ही कहा कि, इससे पहले वाली इन्वेस्टमेंट मीट में लगभग 4 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। मैं देखना चाहा कि किन कंपनियों ने एमओयू किये तो वो वेबसाइट ही नहीं चल रही आखिर सरकार क्यूं छुपाना चाह रही। बीजेपी का फंडा बहुत क्लियर था कि कोई भी सूट और टाई पहने उससे एमओयू करा लो।
साथ ही खुले जानवारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, मैं मांग करूंगा कि जिन जिन लोगों की जानवरों की वजह से जान गयी उन परिवारों की 10 -10 लाख की मदद करे सरकार। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी का एक्सीडेंट आवारा जानवर की वजह से हो गया था, उन्हें नहीं बचाया जा सका। इसके साथ ही कानपुर देहात में मां—बेटी की जलकर मरने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि, याद राखिये बुलडोज़र में दिमाग नहीं होता। नेता सदन आपकी पुलिस ने कानपुर में बेटे को नंगा कर दिया था।