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संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस रद्द का आदेश निरस्त हो, UP कांग्रेस अध्यक्ष ने CM योगी को पत्र लिखकर की मांग

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि, संजय गांधी अस्पताल जिले और आसपास के लोगों को न्यूनतम शुल्क में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसका पंजीकरण निरस्त होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पताल का पंजीकरण बहाल किया जाए।

By शिव मौर्या 
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लखनऊ। अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल के पंजीकरण को रद्द किए जाने को लेकर अब सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने अस्पताल के रद्द पंजीकरण को ​बहाल करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि, अस्पताल का पंजीकरण निरस्त होने के कारण अमेठी समेत समीपवर्ती स्थानों के ग्रामीण नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है।

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यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि, संजय गांधी अस्पताल जिले और आसपास के लोगों को न्यूनतम शुल्क में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसका पंजीकरण निरस्त होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पताल का पंजीकरण बहाल किया जाए। उन्होंने अपने पत्र में लिखा ​है कि, इसी अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए कार्डिओलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रो, डर्माटोलॉजी, श्वास और फेफडों से सम्बन्धित रोगों सहित सामान्य शल्य, नेत्र, नाक, कान, मुंह, दात तथा महिला और शिशु रोगों के मामले आमंत्रित अथवा पूर्णकालीन उपलब्ध चिकित्सकों के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती रही हैं।

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साथ ही पत्र में लिखा है कि, अस्पताल में उपलब्ध आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाएं तथा सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी, ब्लड बैंक, दवाखाना, नवजात शिशु के जन्म हेतु लेबर रूम जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के तत्काल उपलब्ध होने के कारण सामान्य स्थिति में इस क्षेत्र के नागरिकों को बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ता है। उन्होंने कहा, जब उक्त अस्पताल इतनी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं आम नागरिकों को न्यूनतम व्यय और कतिपय मामलों में बिल्कुल निशुल्क प्रदान कर रहा था तब प्रदेश शासन से मात्र एक मामले का संज्ञान लेते हुए उक्त अस्पताल के पंजीकरण को निरस्त किए जाने की घोषणा की बिल्कुल अपेक्षा नहीं की जा सकती है। उन्होंने मांग की है कि, सरकार द्वारा उक्त अस्पताल के पंजीकरण के निरस्तीकरण के आदेश तत्काल वापस लिए जाएं।

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