साल 2022 में उत्तरप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने को है। उत्तरप्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टिया अपने अपने सुविधा अनुसार जातिगत समीकरण को साधने में लग गई हैं। इसमें एक जाति ऐसी है जिसके वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए सभी पार्टियां जोरशोर से लगी हुई हैं।
लखनऊ। साल 2022 में उत्तरप्रदेश(Uttar Pradesh) में विधानसभा के चुनाव होने को है। उत्तरप्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टिया अपने अपने सुविधा अनुसार जातिगत समीकरण को साधने में लग गई हैं। इसमें एक जाति ऐसी है जिसके वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए सभी पार्टियां जोरशोर से लगी हुई हैं। ये बिरादरी है ‘कुर्मी’ जिसके आज राज्य से आठ निर्वाचित सांसद और 34 विधायक कुर्मी बिरादरी से हैं। निगमों, आयोगों, बोर्डों में भी इस बिरादरी के नेताओं की अच्छी तादाद है।
अलग-अलग उपनामों से यह बिरादरी प्रदेश के सभी हिस्से में जानी जाती है। पूर्वांचल के वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज मंडल के साथ ही समूचे बुंदेलखंड, रूहेलखंड, अयोध्या, लखनऊ मंडल में इस बिरादरी की राजनीतिक ताकत से सभी दल वाकिफ हैं। आजादी (Freedom) के बाद यह बिरादरी लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रही थी। बाद के दिनों में यह सपा से जुड़ी। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में जब भी सपा की सरकार बनी कुर्मी बिरादरी के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा का बड़ा कद रहा। कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौर में ओम प्रकाश सिंह(Om Prakash Singh) इस बिरादरी के बड़े नेता थे।
ओम प्रकाश सिंह लंबे अरसे तक भाजपा में इस बिरादरी के इकलौते बड़े नेता रहे। इस बिरादरी की राजनीतिक एकजुटता का ही नतीजा है कि इस बिरादरी की राजनीति करने के लिए स्व. सोनेलाल के कुनबे से उनकी पत्नी और बेटी दोनों दो दल चला रही हैं। बेटी अनुप्रिया पटेल(Anupriya Patel) की पार्टी से नौ विधायक, एक एमएलसी और दो सांसदों की ताकत है। इतना ही नहीं भाजपा ने इसी बिरादरी से स्वतंत्र देव सिंह को अपना प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है। पार्टी ने यूपी चुनाव के लिए धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी बनाया है वह भी इसी समाज से हैं। सपा ने भी इसी बिरादरी के नरेश उत्तम पटेल को अपना प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है।