यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को भी सदन में रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में थल, जल और नभ में इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि हुई है। वहीं उन्होंने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि बहुत जल्द यूपी 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।
लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को भी सदन में रखा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में थल, जल और नभ में इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि हुई है। वहीं उन्होंने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि बहुत जल्द यूपी 21 एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी 19 फरवरी को राजधानी लखनऊ में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस दौरान 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारा जाएगा।
विपक्ष को यूपी की विकास गाथा को स्वीकार करना चाहिए
सीएम योगी ने एक प्रमुख इंग्लिश अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें बताया गया कि तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में यूपी के दो लाख से अधिक लोग कार्य करते थे, मगर पिछले सात साल में उनमें से 60 हजार लोग वापस यूपी में जा चुके हैं, क्योंकि उन्हें वहीं रोजगार मिल गया है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को इंगित करते हुए कहा कि यूपी की इस विकास गाथा को सभी को स्वीकार करना चाहिए।
सात साल में फोर लेन की 1235 परियोजनाओं को आगे बढ़ाया
सीएम ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस की शुरुआत होने जा रही है। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे भी बन रहा है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ से पहले सरकार का प्रयास है कि गंगा एक्सप्रेस को चालू कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि लखनऊ कानपुर लिंक एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे को भारत सरकार के सहयोग से बनाया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फोर लेन की 1235 प्रोजेक्ट को पिछले सात साल में आगे बढ़ाया गया है।
आज 150 फ़्लाइट के जरिए 75 से अधिक डेस्टिनेशन तक हवाई सेवा उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में प्रदेश में दो एयरपोर्ट वाराणसी और लखनऊ पूरी तरह से क्रियाशील थे। आज 10 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं, जिनसे 150 फ़्लाइट 75 से अधिक डेस्टिनेशन तक हवाई सेवा उपलब्ध करा रही हैं। 2016-17 से 2023 तक हवाई यात्रियों की संख्या में 100 गुना की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि यहां की सदानीरा नदियों में कनेक्टिविटी के लिए इनलैंड वॉटर वेज ऑथिरिटी बनाई है। इसके तहत जनपद वाराणसी में मल्टी मोडल टर्मिनल का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। आज रेल का सबसे बड़ा नेटवर्क हमारे पास है।
रखेंगे रिपोर्ट, पिछले इन्वेस्टर्स समिट से सृजित हुए कितने रोजगार
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बिजनेस हब और निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। कानून व्यवस्था अच्छी और सरकार की नियत साफ हो तो देश और दुनिया के निवेशक निवेश के लिए आना चाहते हैं। जीआईएस 2023 इसका श्रेष्ठ उदहारण है, जिसमें लगभग 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। आगामी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री के करकमलों से 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होने जा रही है। उसी समय हम रिपोर्ट भी पढ़ेंगे कि पिछले निवेश से कितनी नौकरियां लगी हैं, कितने रोजगार का सृजन हुआ है और यूपी में इसका क्या असर पड़ा है। सीएम योगी ने कहा कि यह सब इसलिए संभव हुआ है क्योंकि यूपी में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, निवेश अनुकूल नीतियां, सिंगल विंडो सिस्टम तथा जवाबदेह और पारदर्शी नीतियां हैं।
इस साल के अंत तक 12800 मेगावॉट हो जाएगी विद्युत् उत्पादन क्षमता
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा सेक्टर के बारे में बताते हुए कहा कि 2016-17 में प्रदेश में कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5600 मेगावॉट थी। वर्तमान में कुल उत्पादन क्षमता 8688 मेगावॉट हो गई है। इस साल के अंत तक हम विद्युत् उत्पादन क्षमता 12800 मेगावॉट हो जाएगी। 2017 तक कुल 128494 मजरों तक बिजली आपूर्ति पहुंच पाई थी। बीते साल साल में 249818 मजरों तक बिजली आपूर्ति. यानी 100 प्रतिशत मजरों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। 2012-17 में निर्गत लगभग 8.44 लाख विद्युत संयोजनों के सापेक्ष वर्ष 2017 से अब तक 1 करोड़ 65 लाख विद्युत संयोजन निर्गत किये गये हैं। यानी सपा के कालखंड से 20 गुना ज्यादा। 2017 से पहले बिजली का अता पता नहीं होता था। 2017 के बाद ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे, तहसील मुख्यालय में 21 से 22 घंटे, जनपद मुख्यालयों पर 24 घण्टे बिजली आपूर्ति अनवरत कर रहे हैं।
7 साल में 10 गुना बढ़ी है सौर ऊर्जा परियोजनाएं
सौर ऊर्जा की बात करें तो 2017 तक कुल स्थापित 288 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी, जो वर्तमान में 2596 मेगावॉट हो गयी हैं। यानी सौर ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं में पिछले लगभग 7 वर्षों में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। अयोध्या और काशी सोलर सिटी के रूप में विकसित की जा रही है तो बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को सोलर एक्सप्रेस वे के रूप में तैयार किया जा रहा है। अयोध्या में 10 किलोमीटर लम्बे मार्ग को सोलर स्मार्ट स्ट्रीट लाइट द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।