यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि जब भी कांग्रेस, सपा या इंडी गठबंधन से जुड़े दूसरे दल चुनाव हार रहे होते हैं। तब ये हार का ठीकरा ईवीएम (EVM) पर फोड़ने का प्रयास करते हैं।
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि जब भी कांग्रेस, सपा या इंडी गठबंधन से जुड़े दूसरे दल चुनाव हार रहे होते हैं। तब ये हार का ठीकरा ईवीएम (EVM) पर फोड़ने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में पुख्ता हार को देख कांग्रेस के लोग ईवीएम पर दोषारोपण कर रहे हैं।
सीएम योगी शनिवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने गोमांस मुद्दे पर भी कांग्रेस और इंडी गठबंधन को निशाने पर लिया। सीएम योगी ने पूछा कि वो अपने घोषणापत्र में लिख रहे हैं अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद के खान-पान का अधिकारी दिया जाएगा। आखिर अल्पसंख्यकों का ऐसा कौन सा खान-पान है जो शेष समुदाय से अलग है। मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर इंडी गठबंधन के अन्य सहयोगियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 से लगातार आप ये बात सुन रहे हैं। गत वर्ष हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी। क्या ये बैलेट पेपर से बनी थी? 2009 में केंद्र में यूपीए की सरकार बनी। क्या ये बैलेट पेपर से बनी थी? कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि जो लोग आज ईवीएम (EVM) को नकार रहे हैं ये वही लोग हैं जो बैलेट लूटने का काम करते थे। अब तक दो चरणों के चुनाव में रूझान फिर एक बार मोदी सरकार के हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईवीएम (EVM) से जुड़े विवाद पर अपना फैसला सुना दिया है और कहा कि मतपत्रों से चुनाव नहीं होंगे। कांग्रेस का घोषणा पत्र उनके लिए ‘न्याय पत्र’ हो सकता है, मगर भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए ‘अन्याय पत्र’ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को उनके व्यक्तिगत कानून का अधिकार देने की बात करती है। तो क्या तीन तलाक की कुप्रथा, जिसे मोदी जी की सरकार ने समाप्त किया है उसे दोबारा लागू किया जाएगा? क्या कांग्रेस शरिया कानून लागू करके देश का तालीबानीकरण करना चाहती है? सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र देश के साथ धोखा है। देश की जनता को अगले पांच चरणों के चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को देखते हुए अपना निर्णय करना चाहिए। ये हमारी आस्था के साथ धोखा है, कोई भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।