यूपी (UP) के संभल जिले में मस्जिद सर्वे (Mosque Survey) के दौरान हुए दंगों की जांच रिपोर्ट जांच आयोग ने गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सौंप दी है। बताते चलें कि 24 नवंबर 2024 को मस्जिद सर्वे (Mosque Survey) के दौरान हिंसा हुई थी।
लखनऊ। यूपी (UP) के संभल जिले में मस्जिद सर्वे (Mosque Survey) के दौरान हुए दंगों की जांच रिपोर्ट जांच आयोग ने गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सौंप दी है। बताते चलें कि 24 नवंबर 2024 को मस्जिद सर्वे (Mosque Survey) के दौरान हिंसा हुई थी।
उत्तर प्रदेश के संभल में हुए दंगों की जांच के लिए गठित न्यायिक समिति ने पाया कि सांप्रदायिक दंगों के कारण शहर में हिंदुओं की जनसंख्या में काफी गिरावट आई है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल में हिंदुओं की आबादी 1947 में 45 प्रतिशत से घटकर अब केवल 15 से 20 प्रतिशत रह गई है। 450 पृष्ठों की यह रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। योगी सरकार ने पिछले वर्ष नवम्बर में मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वे के बाद सम्भल में हुई हिंसक झड़पों के बाद जांच का आदेश दिया था।
रिपोर्ट में क्या है?
ऐतिहासिक रूप से संभल में पठानों और तुर्कों के बीच लगातार झड़पें होती रही हैं, जिससे यह शहर सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया है। 1947 के बाद से सूत्रों का दावा है कि हर सांप्रदायिक दंगे में हिंदू “मुख्य रूप से पीड़ित” रहे हैं। हाल ही में हुए दंगों में भी, कथित तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाने की योजना थी, लेकिन हिंदू-बहुल इलाकों में पुलिस की मौजूदगी ने बड़े पैमाने पर जनहानि को रोक दिया।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि हिंसा भड़काने के इरादे से कथित तौर पर बाहर से दंगाइयों को लाया गया था। झड़पों के दौरान, तुर्क और पठानों ने कथित तौर पर पुरानी रंजिश के चलते एक-दूसरे पर हमला किया। हरिहर मंदिर को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जिसे एक बार फिर मुगल सम्राट बाबर के समय के दावों से जोड़ा जा रहा है, जिससे पुराना तनाव फिर से जाग उठा है।
सूत्रों का कहना है कि आज सम्भल में केवल 15 फीसदी हिन्दू बचे हैं, जो कि स्वतंत्रता के समय 45 फीसदी की तुलना में काफी कम है, जब सम्भल नगरपालिका की लगभग आधी आबादी हिन्दू थी। हाल के वर्षों में, संभल विभिन्न आतंकवादी संगठनों का केंद्र बनकर उभरा है। सूत्रों ने रिपोर्ट का ब्यौरा देते हुए बताया कि अल-कायदा और हरकत-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों ने इस क्षेत्र में अपने नेटवर्क स्थापित कर लिए हैं।
इसकी जांच के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा (Retired Justice DK Arora of Allahabad High Court) की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इसमें पूर्व डीजीपी एके जैन (Former DGP AK Jain) और सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद (Retired Additional Chief Secretary Amit Mohan Prasad) सदस्य बनाए गए थे। आयोग ने सीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इस दौरान सीएम के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद (CM’s Principal Secretary Sanjay Prasad) और प्रमुख सचिव (संसदीय कार्य) जेपी सिंह (Principal Secretary (Parliamentary Affairs) JP Singh) मौजूद रहे।