उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UP Pollution Control Board) के मेंबर सेक्रेटरी अजय कुमार शर्मा हटा दिया गया है। इसके साथ ही संजीव कुमार सिंह को नया मेंबर सेक्रेटरी नियुक्त कर दिया है। संजीव कुमार सिंह अभी तक सोनभद्र में डीएफओ पद पर तैनात थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UP Pollution Control Board) के मेंबर सेक्रेटरी अजय कुमार शर्मा हटा दिया गया है। इसके साथ ही संजीव कुमार सिंह को नया मेंबर सेक्रेटरी नियुक्त कर दिया है। संजीव कुमार सिंह अभी तक सोनभद्र में डीएफओ पद पर तैनात थे।
योगी सरकार (Yogi Government) ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अब तक बड़ी कार्रवाई की है, जो अपने आप में नजीर भी बनी हुई है। इसके बावजूद प्रदूषण विभाग में एनओसी (NOC) के नाम पर जमकर लेनदेन कर खुला खेल हो रहा है। बता दें कि आए दिन भ्रष्टाचार के कई मामले उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPCB) से जुड़े मामले उजागर होते रहते हैं। बता दें यह वन एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत आता है।
बीते दिनों योगी सरकार (Yogi Government) में वन व पर्यावरण राज्यमंत्री केपी मलिक (Minister of State for Forest and Environment KP Malik) ने पत्र लिखकर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। मंत्री केपी मलिक ने सीधे-सीधे UPCB के मेंबर सेक्रेटरी अजय शर्मा (Member Secretary Ajay Sharma) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
वन व पर्यावरण राज्य मंत्री केपी मलिक (Minister of State for Forest and Environment KP Malik) ने अजय शर्मा (Ajay Sharma) के कारनामों की फेहरिस्त जारी की। साथ ही, वन राज्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर जांच की मांग की। योगी सरकार (Yogi Government) के मंत्री UPCB के मेंबर सेक्रेटरी अजय शर्मा और उनकी कार्यशैली से खासे नाराज हैं। केपी मलिक ने अजय शर्मा (Ajay Sharma) को उनके पद से हटाने की मांग की थी।
अधिकारियों पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप
बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) के स्थानीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पूर्व भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) के अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी गई थी। मगर, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। आपको बता दें, बोर्ड के अधिकारियों पर पैसे लेकर अवैध ईंट-भट्ठे संचालित कराने तक के आरोप लगे थे। लेकिन, कागजी खानापूर्ति के बाद मामले में क्या हुआ किसी को कुछ पता नहीं चला? लेकिन इस बार आरोप गंभीर हैं। क्योंकि, आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद सरकार में मंत्री हैं।
अजय शर्मा पर करोड़ों के व्यारा-न्यारा का आरोप
राज्यमंत्री केपी मलिक (Minister of State KP Malik) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से UPCB के मेंबर सेक्रेटरी अजय शर्मा (Ajay Sharma) को हटाने की मांग की है। बता दें कि, अजय शर्मा (Ajay Sharma) दो साल से यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में प्रभारी सदस्य सचिव हैं। केपी मलिक (KP Malik)का आरोप है कि, वॉटर पॉल्यूशन एक्ट में प्रभारी मेंबर सेक्रेटरी की कोई व्यवस्था नहीं है। अजय शर्मा नियम-कानून को ताक पर रखकर करोड़ों का वारा-न्यारा कर रहे हैं।
लोकायुक्त ने भी जांच के लिए सरकार को पत्र लिखा
सूत्र बताते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपी अजय शर्मा को पंचम तल से संरक्षण प्राप्त है। राज्य मंत्री की शिकायतों के बाद भी वन मंत्री अरुण सक्सेना ने अजय शर्मा पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। आपको बता दें, अजय शर्मा (Ajay Sharma) पर सीतापुर में धारा- 420 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज है। अजय शर्मा (Ajay Sharma) के खिलाफ लोकायुक्त ने भी सरकार को जांच के लिए लिखा है।
सूत्र बताते हैं कि अजय शर्मा मेम्बर सेकेट्री पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यूपी इस की जांच विशेष सचिव गौरव वर्मा द्वारा कराई गई थी जिस में अजय शर्मा को दोषी पाया गया लेकिन उस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। इसके अलावा अजय शर्मा वन एवं पर्यावरण विभाग के सदस्य भी है, ये पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र पर भी साइन करते हैं जो की एक अलग विभाग है।