उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) ने कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) पर 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उन 10 नालों को लेकर लगाया गया है। जो सीधे गंगा नदी में गिर रहे हैं। अपने आदेश पत्र में क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) के आदेश पर यह जुर्माना लगाया गया है।
कानपुर। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) ने कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) पर 90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उन 10 नालों को लेकर लगाया गया है। जो सीधे गंगा नदी (Ganga River ) में गिर रहे हैं। अपने आदेश पत्र में क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) के आदेश पर यह जुर्माना लगाया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि नगर के नालों से अशोधित जल सीधे गंगा नदी (Ganga River ) या उनकी सहायक नदियों में प्रवाहित होने पर प्रति नाला प्रतिमाह 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाए। यह सभी नाले कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) के अधीन आते हैं।
यह जुर्माना पनकी थर्मल नाला, हलवा खंड नाला जो कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) के अंतर्गत आता है पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना एक माह के लिए है। इसके अतिरिक्त गंदा नाला, अर्रा नाला, सागर पुरी नाला, पिपोरी नाला से गिरने वाली गंदगी पर नवंबर और दिसंबर माह के लिए 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसी प्रकार डब्का नाला, सत्ती चौरा नाला, गोलाघाट नाला, रानी घाट नाला पर भी नवंबर और दिसंबर 2023 के लिए 10-10 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
10 नाले को लेकर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय (Kanpur Regional Office) ने बीते 6 जनवरी को यह पत्र जारी किया है। जिसे 21 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय में रिसीव किया गया है। अपने आदेश में क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा (Regional Officer Amit Mishra) ने बताया है कि कानपुर नगर के क्षेत्र स्थित उपरोक्त 10 नाले से अशोधित पानी सीधे गंगा नदी (Ganga River ) में गिराया जा रहा है। जिससे पर्यावरण को क्षति हो रही है।
क्षतिपूर्ति के लिए जुर्माना
जिसकी क्षतिपूर्ति के लिए उक्त जुर्माना लगाया गया है। अपने पत्र में उन्होंने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति अभिरोपन के आदेश के संबंध में जानकारी दी है। जिसके अनुसार नगर के नालों से जनित अशोधित जल गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों में प्रवाहित करने पर 5 लाख रुपए प्रतिमाह का जुर्माना लगाया जाए।