मां-पिता बनने एक सौभाग्य की बात है। भारतीय परिवारों में तो इसकीअलग ही खुशी होती है प्रेगनेंसी से लेकर बच्चा पैदा हो जाने तक न सिर्फ प्रेगनेट महिला को बल्कि उसके साथ उसका पूरा परिवार टेंशन में रहता है।
Couple becoming new parents: मां-पिता बनने एक सौभाग्य की बात है। भारतीय परिवारों में तो इसकीअलग ही खुशी होती है प्रेगनेंसी से लेकर बच्चा पैदा हो जाने तक न सिर्फ प्रेगनेट महिला को बल्कि उसके साथ उसका पूरा परिवार टेंशन में रहता है।
दूसरी तरफ बच्चा हो जाने के बाद माता पिता (parents) पर उसकी देखभाल का प्रेशर। नवजात बच्चे की देखरेख में 24 घंटे भी कम लगने लगते है। वे कई बार बच्चों की देखभाल को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। आपस में बहस और कभी कभी तो झगड़े हो जाते है।ऐसे में ध्यान दें झगड़ने और बहस करने की बजाय आपस में तालमेल बैठा कर नवजात की परवरिश में ध्यान दें।
जब आप पहली बार माता पिता बनते हैं तो हर चीज आपके लिए नई नई और बिल्कुल अलग होती है। इसलिए आप थोड़ा परेशान और नर्वस हो सकते हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि नए पैरेंट्स के लिए बच्चों को संभालना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
नए पैरेंट्स के दिमाग में बच्चे को नहलाने, खिलाने से लेकर डायपर बदलने को लेकर कई सवाल होते हैं। कुछ इन्हीं सवालों के जवाब जान लेते हैं। नवजात बच्चे को मां हमेशा अपना ही दूध पिलाएं। नवजात बच्चे के लिए मां का दूध बेहद आवश्यक होता है। शुरुआत में आपको लग सकता है कि बच्चा लगातार दूध पी रहा है, लेकिन समय के साथ शिशु और उसकी मां दोनों एक निश्चित पैटर्न में आसानी से सेट हो सकते हैं।
एक पत्रिका के अनुसार शुरुआत में बच्चे को हर रोज नहलाना जरूरी नहीं है। आप केवल उनके हाथ और पैर को गुनगुने पानी से साफ कर सकते हैं। बच्चे को नहलाते समय ध्यान रखें कि कमरे का टेंपरेचर गर्म हो। कमरे का तापमान बहुत अधिक ठंडा या गर्म न हो।
नवजात बच्चे को ठंडे पानी के बजाय हल्के गुनगुने पानी में नहलाना चाहिए। नवजात बच्चे को हमेशा साफ और मुलायम कपड़े से ही साफ करना चाहिए।