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संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को ‘नासूर’ कहकर उपराष्ट्रपति ने संविधान और देश की जनता का किया अपमान : कांग्रेस

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्षता' को 'नासूर' कहना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि संविधान और देश की जनता का अपमान है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय ने कहा कि ये दोनों शब्द 1976 में 42वें संशोधन के जरिए पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के साथ संसद और विधान सभाओं के समर्थन के बाद सम्पूर्ण प्रक्रिया के बाद जोड़े गए, जो भारत के सामाजिक न्याय और धार्मिक सद्भाव की नींव हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्षता’ को ‘नासूर’ कहना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि संविधान और देश की जनता का अपमान है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय ने कहा कि ये दोनों शब्द 1976 में 42वें संशोधन के जरिए पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के साथ संसद और विधान सभाओं के समर्थन के बाद सम्पूर्ण प्रक्रिया के बाद जोड़े गए, जो भारत के सामाजिक न्याय और धार्मिक सद्भाव की नींव हैं।

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डॉ. राय ने कहा है कि देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा बयान देकर न सिर्फ अपने पद की मर्यादा को तार-तार कर रहा है, बल्कि संविधान की आत्मा पर हमला कर रहा है। यह बयान आरएसएस और भाजपा की उस साजिश का हिस्सा है, जो देश को बांटने और संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

डॉ. राय ने पूछा है कि क्या धनखड़ जी को अपने पद की गरिमा का जरा भी खयाल है? अगर नहीं, तो उन्हें एक पल भी इस पद पर रहने का हक नहीं है। यह पहली बार नहीं है। धनखड़ ने पहले भी अनुच्छेद 142 पर सवाल उठाकर न्यायपालिका को निशाना बना चुके हैं। अब संविधान की प्रस्तावना पर हमला करके वे खुलेआम संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दे रहे हैं। यह निंदनीय है।

कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उपराष्ट्रपति तुरंत माफी मांगें और अपने आचरण पर विचार करें। अगर वे संविधान की शपथ का सम्मान नहीं कर सकते, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि देश को उप राष्ट्रपति पद पर बैठे व्यक्ति की ऐसी हल्की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं है ।

डॉ. राय ने कहा है कि यह बयान उस समय आया है, जब आरएसएस के दत्तात्रेय होसबाले और भाजपा के नेता भी यही राग अलाप रहे हैं। यह साफ है कि 2014 से अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा और उसके सहयोगी जनता का ध्यान बांटने वाले मुद्दे उठा रहे हैं।

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आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई ने कमर तोड़ दी है, किसान और नौजवान हताश हैं, लेकिन सरकार के पास जवाब नहीं है। “अच्छे दिन” का वादा, 2 करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुना—सब जुमले साबित हुए। पाकिस्तान के साथ आपरेशन में क्यो सीज़फायर किया गया इसका जवाब नही दे रहे है और देश ने प्रधानमंत्री को अमरीकी राष्ट्रपति के सामने सरेन्डर होतें देखा है तो अब संविधान पर हमला करके ये लोग जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं। लेकिन जनता अब इनके झांसे में नहीं आएगी।

डॉ. राय ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी संविधान के मूल्यों समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के साथ मजबूती से खड़ी है। हम उपराष्ट्रपति, सरकार और आरएसएस से पूछते हैं जनता के असल मुद्दों पर आपने क्या किया? बेरोजगारी, महंगाई, और सामाजिक न्याय पर जवाब दीजिए। उत्तर प्रदेश की जनता और देश का हर नागरिक जवाब मांग रहा है। हम डॉ. बी.आर. आंबेडकर के संविधान की रक्षा के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे और देश को बांटने की साजिश को नाकाम करेंगे।

 

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