भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने के बाद विरोध प्रदर्शन इस कदर भड़क गया है। प्रदर्शनकारी काठमांडू की सड़कों पर और संसद परिसर तक जाने लगे, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और कर्फ्यू लगा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार ये लोग नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगे बैन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने के बाद विरोध प्रदर्शन इस कदर भड़क गया है। प्रदर्शनकारी काठमांडू की सड़कों पर और संसद परिसर तक जाने लगे, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और कर्फ्यू लगा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार ये लोग नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगे बैन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर पाबंदी लगा दी गई है, जिससे युवा काफी नाराज हैं।
पीएम केपी ओली ने बुलाई एमरजेंसी मीटिंग
नेपाल में हालात इतने ज्यादा गंभीर हो चुके हैं कि पीएम केपी ओली ने परिस्थितियों को देखते हुए आपात बैठक बुलाई है। एहतियात के तौर पर प्रधानमंत्री केपी सिंह ओली (Prime Minister KP Singh Oli) और राष्ट्रपति के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने जिस तरह बैरिकेड्स तोड़ते हुए संसद भवन और प्रतिबंधित इलाकों की ओर कूच किया, उसके बाद ये सुरक्षा बढ़ाई गई है।
पीएम केपी ओली, बोले- ‘हम सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं’
पीएम ओली ने कहा कि सरकार प्लेटफॉर्म्स या सोशल नेटवर्क्स के खिलाफ नहीं, बल्कि अराजकता, अहंकार और देश को छोटा दिखाने की प्रवृत्ति के खिलाफ हैं। पिछले एक साल से सोशल नेटवर्क कंपनियों से कहा गया था कि वे नेपाल के क़ानून के तहत रजिस्टर हों, टैक्स चुकाएं और जवाबदेह बने। जब उन्होंने जवाब दिया ‘हम आपके संविधान को नहीं जानते। तब ये कदम उठाया गया। ओली ने आलोचकों पर तंज किया कि बौद्धिक लोग शिकायत करते हैं कि चार नौकरियां ली गईं, तो क्या ये राष्ट्रीय स्वाभिमान से बड़ी हैं? उन्होंने साफ किया कि कि सोशल नेटवर्क कंपनियां एक साथ ऑपरेटर, मैनेजर और उपभोक्ता – तीनों नहीं हो सकतीं।
काठमांडू पोस्ट (Kathmandu Post) के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, हालांकि अभी तक मौत के कारण की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल की ओर से आंसू गैस और वॉटर कैनन का उपयोग कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की ओर से अत्यधिक बल प्रयोग किया गया, जबकि प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था। कई लोगों को चोटें आईं और दर्जनों को हिरासत में लिया गया।
‘ये हमारी जिंदगी कंट्रोल करने की है कोशिश’
सड़कों पर उतरे जेन ज़ी प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनका ये प्रोटेस्ट सिर्फ सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है। सरकार न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि हमारी जिंदगी को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। मीडिया से बात करते हुए गरिमा नाम की प्रदर्शनकारी ने कहा कि ये प्रदर्शन सिर्फ ओली नहीं बल्कि हर राजनीतिक पार्टी के खिलाफ है, जो हमारी जिंदगी को नियंत्रित करना चाहते हैं।