सनातन धर्म में विवाह को धार्मिक परंपरा के अनुसार कया जाता है। शुभ मुहूर्त में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते है। भारतीय विवाह परंपरा में तिथि और मुहूर्त का शुभ होना आवश्यक है।
Vivah Muhurat Dates in April 2025 : सनातन धर्म में विवाह को धार्मिक परंपरा के अनुसार कया जाता है। शुभ मुहूर्त में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते है। भारतीय विवाह परंपरा में तिथि और मुहूर्त का शुभ होना आवश्यक है। विवाह के मुहूर्त के लिए गुरु ग्रह का उदय होना आवश्यक होता है। अप्रैल का माह शादी विवाह (April-2025 Me Vivah ) के लिए अच्छा माना जाता है। इस समय तक ज्यादा गर्मी शुरू नहीं होती है लेकिन इस वर्ष 13 अप्रैल तक मलमास के कारण विवाह नहीं होंगे। आइए जानते है 2025 में अप्रैल के माह में विवाह की तिथियां और शुभ मुहूर्त (April-2025 Me Vivah Muhurat )।
अप्रैल माह में 14 अप्रैल को मलमास समाप्त होगा और इसी दिन से विवाह मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। इस माह में विवाह के कुल 9 तिथियां और मुहूर्त हैं।
14 अप्रैल
14 अप्रैल सोमवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन स्वाति नक्षत्र और शिववास योग का संयोग है।
16 अप्रैल
16 अप्रैल बुधवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया एवं चतुर्थी तिथि है और इस दिन अनुराधा सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है।
18 अप्रैल
18 अप्रैल शुक्रवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि है और इस दिन मूल नक्षत्र और परिघ योग का संयोग में विवाह मुहूर्त है।
19 अप्रैल
19 अप्रैल शनिवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी एवं सप्तमी तिथि है और इस दिन मूल एवं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और शिव योग का संयोग बन रहा है।
20 अप्रैल
20 अप्रैल रविवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि है। इस दिन पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और सिद्ध योग के संयोग में विवाह मुहूर्त है।
21 अप्रैल
21 अप्रैल सोमवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी एवं नवमी तिथि है और इस दिन उत्तराषाढ़ा एवं श्रवण नक्षत्र और साध्य और शुभ योग का संयोग बन रहा है।
25 अप्रैल
25 अप्रैल शुक्रवार को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है और 25 अप्रैल को पूर्वाभाद्रपद एवं उत्तराभाद्रपद श्रवण नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग है।
29 अप्रैल
29 अप्रैल मंगलवार को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और तृतीया तिथि है और इस दिन रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग का संयोग है।
30 अप्रैल
30 अप्रैल बुधवार को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया और चतुर्थी तिथि है और इस दिन रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है।