जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। चूँकि सूर्य मेष राशि से वृष अर्थात मेष से वृषभ में गोचर करेगा, इसलिए इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
Vrishabh Sankranti 2023 : जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। चूँकि सूर्य मेष राशि से वृष अर्थात मेष से वृषभ में गोचर करेगा, इसलिए इसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हिंदू त्योहारों में से एक वृषभ संक्रांति बहुत शुभ मानी जाती है। दरअसल, इस तिथि के दिन होने वाले ग्रहों के बदलाव को उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा का विधान है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग रीति रिवाजों से मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार वृषभ संक्रांति 15 मई 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी. संक्रांति की शुभ तिथि इस दिन प्रात:काल 05 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगा जो 11 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, पूजा का महापुण्य काल सुबह 09 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगा जो 11 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा।
मान्यता के अनुसार, वृषभ संक्रांति के दौरान, लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और सूर्य देव की विशेष प्रार्थना करते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को अर्घ्य देना आवश्यक माना जाता है।