रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव (Duvvuri Subbarao) साल 2013 में रिटायर होने के बाद तमाम सेमिनार-कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते रहे। साल 2015 में उन्हें फिजी के बैंक एसोसिएशन (Banks Association of Fiji) ने अपने सालाना कांफ्रेंस में बोलने का न्योता दिया। सुब्बाराव को घूमना-फिरना और नई जगहें एक्सप्लोरर करना पसंद था, इसलिए उन्होंने फौरन न्योता स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव (Duvvuri Subbarao) साल 2013 में रिटायर होने के बाद तमाम सेमिनार-कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते रहे। साल 2015 में उन्हें फिजी के बैंक एसोसिएशन (Banks Association of Fiji) ने अपने सालाना कांफ्रेंस में बोलने का न्योता दिया। सुब्बाराव को घूमना-फिरना और नई जगहें एक्सप्लोरर करना पसंद था, इसलिए उन्होंने फौरन न्योता स्वीकार कर लिया।
इसका खुलासा हाल ही में पेंगुइन पब्लिकेशन (Penguin Publications) से प्रकाशित अपनी ताजा किताब ‘जस्ट अ मर्सनेरी: नोट्स फ्रॉम माई लाइफ एंड करियर’ (Just a Mercenary?: Notes from My Life and Career) में सुब्बाराव ने अपनी फिजी यात्रा पर विस्तार से किया है। दुव्वुरी सुब्बाराव लिखते हैं कि मैं फिजी यात्रा को लेकर उत्साहित था, क्योंकि इस देश का भारत के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ता रहा है।
दुव्वुरी सुब्बाराव (Duvvuri Subbarao) ने बताया कि साल 2007 में जब मैं केंद्र सरकार में वित्त सचिव था, तब फिजी के वित्त मंत्री दिल्ली आए थे और मैं द्विपक्षीय वार्ता का हिस्सा था। उस वक्त पी. चिदंबरम वित्त मंत्री (P. Chidambaram Finance Minister) हुआ करते थे और उन्होंने फिजी के वित्त मंत्री के सम्मान में एक डिनर आयोजित किया, जिसमें मैं भी शामिल हुआ था और फिजी के बारे में काफी कुछ जानने-समझने को मिला।
बोलने का कितना पैसा लेंगे?
सुब्बाराव लिखते हैं कि निमंत्रण के कुछ दिनों बाद आयोजकों ने मुझसे दोबारा संपर्क किया और पूछा कि आप कॉन्फ्रेंस में बोलने के लिए कितना पैसा लेंगे? मैंने कहा पैसा? उन्हें जवाब दिया आप मुझे एक शानदार हॉलीडे का मौका दे रहे हैं, मुझे इससे ज्यादा और कुछ नहीं चाहिए।
डी. सुब्बाराव अपनी पत्नी उर्मिला के साथ फिजी गए। वहां एयरपोर्ट पर आयोजिकों ने उन्हें लेने के लिए एक कार भेजी। सु्ब्बाराव लिखते हैं कि मैं एयरपोर्ट से होटल गया और फिर कॉन्फ्रेंस में पहुंचा। अपने स्पीच में आरबीआई का गवर्नर रहते जिन चुनौतियों का सामना किया था, उस पर विस्तार से बात की और लोगों ने इसकी तारीफ भी की। आयोजकों ने तमाम छोटे-छोटे ग्रुप्स के साथ मेरी मीटिंग भी रखी थी, इसके बावजूद हमारे पास पर्याप्त समय बच गया और हम फिजी घूमे।
विदेश में पार्टी और लॉटरी
कांफ्रेंस के आखिरी दिन एक भव्य पार्टी रखी गई, जिसमें 500 मेहमान शामिल थे। हॉल के बाहर सभी मेहमानों से एक बास्केट में अपना विजिटिंग कार्ड या बिजनेस कार्ड डालने को कहा जा रहा था, जिसका एक लॉटरी में इस्तेमाल होना था। लॉटरी का ड्रॉ पार्टी के आखिर में निकलना था। जब सारे मेहमान लगभग डिनर खत्म कर चुके तो आयोजकों ने फिजी के वित्त मंत्री को स्टेज पर पुरस्कार देने के लिए बुलाया।
सुब्बाराव की लग गई लॉटरी
वित्त मंत्री ने उस बास्केट में से एक कार्ड निकाला और आयोजक को सौंप दिया। इसके बाद उन्होंने उस कार्ड को हवा में लहराते हुए घोषणा की, ‘लॉटरी के विजेता हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव…’ RBI के पूर्व गवर्नर सुब्बाराव (D Subbarao) लिखते हैं कि मुझे स्टेज पर बुलाया गया और इनाम के तौर पर सैमसंग गैलेक्सी S6 फोन दिया गया, लेकिन मन ही मन मैं आश्चर्यचकित भी था क्योंकि लॉटरी पूरी तरफ फिक्स थी।
पर सब कुछ था पहले से फिक्स
आयोजकों को पता ही नहीं था कि मैंने उसे बास्केट में अपना विजिटिंग कार्ड डाला ही नहीं था, इसलिए 500 लोगों में से मेरे जीतने का चांस जीरो था। थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि आखिर आयोजकों ने ऐसा क्यों किया। यह उनकी तरफ से थैंक्यू कहने और कॉन्फ्रेंस में बोलने का पुरस्कार था।