कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक बड़ा बयान दिया है। वो मतदाता अधिकार सम्मेलन को संबोधित करने के लिए शनिवार को बनारस पहुंचीं। पराड़कर भवन में सम्मेलन की अनुमति न मिलने पर उन्होंने कहा कि यह तानाशाही नहीं, कायरता और डर है। यह कांग्रेस का कार्यक्रम नहीं था। ये सिविल सोसायटी का आयोजन था। इसके साथ ही उन्होने ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कल तक सरकार के चहेते थे लेकिन आज उन्हे करके रासुका लगा दिया गया। यह सरकार की कायरता का प्रतीक है। हर व्यक्ति सरकार के फैसलों से असहमत होगा और उसका यही हाल करेंगे।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक बड़ा बयान दिया है। वो मतदाता अधिकार सम्मेलन को संबोधित करने के लिए शनिवार को बनारस पहुंचीं। जहां उन्हे पराड़कर भवन में सम्मेलन की अनुमति न मिलने पर उन्होंने कहा कि यह तानाशाही नहीं, कायरता और डर है। यह कांग्रेस का कार्यक्रम नहीं था। ये सिविल सोसायटी का आयोजन था। इसके साथ ही उन्होने ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कल तक सरकार के चहेते थे। लेकिन आज उन्हे करके रासुका लगा दिया गया। यह सरकार की कायरता का प्रतीक है। हर व्यक्ति सरकार के फैसलों से असहमत होगा और उसका यही हाल करेंगे। जनता से उनका हक कोई भी नहीं छीन सकता, चाहे वो कितना बड़ा तानाशाह हो। बनारस में भी वोट चोरी का बम एक दिन फूटेगा। हाइड्रोजन बम जब फूटेगा तो सरकार की चूलें हिल जाएंगी।
सियासी हमला
इसके बाद सुप्रिया ने कहा कि दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि पराड़कर भवन यानी पत्रकारों के भवन में कार्यक्रम होना था लेकिन उनको भी आजादी नहीं है। प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति को निरस्त कर दिया। मुझे पता चला कि एक बड़े अधिकारी ने पराड़ कर भवन पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी और इसके बाद अनुमति को तकनीकी कारण बताकर निरस्त कर दिया गया। बता दें कि उन्होंने कहा क राहुल गांधी ने पुख्ता सबूतों के साथ इस देश के चुनाव आयोग, सरकार और भाजपा की मिलीभगत को बेनकाब कर दिया है। चुनाव जीतने के लिए कहीं वोट काटकर और कहीं नाम जोड़कर वोट चोरी की जा रही है। सत्तापक्ष का एक भी व्यक्ति राहुल गांधी और उनके वोट चोरी के आरोप को गलत नहीं बता पा रहा है।
बिहार में चुनाव आयोग खामोश
आज भी मणिपुर में स्थिति खराब बिहार में मुख्यमंत्री महिला बेरोजगार योजना के तहत महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजने के सवाल पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह सीधे-सीधे चुनाव के पहले वोट की खरीदने का तरीका है । बिहार में इस योजना से निष्पक्ष चुनाव की कब्र खोदी जा रही है और चुनाव आयोग खामोश है। ढाई साल से मणिपुर जल रहा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ढाई साल के बाद मणिपुर एक प्रोजेक्ट का फीता काटने गए। तीन घंटे रस्म अदायगी करने के बाद लौट आए लेकिन मणिपुर में आज भी स्थिति खराब है।