सर्दियों के मौसम में च्यवनप्राश खाना अमृत माना जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, वृद्ध और कमजोर महर्षि च्यवन (Maharishi Chyawan) को अश्विनी कुमारों (Ashwini Kumars) ने एक विशेष रसायन दिया, जिससे उनका शरीर फिर से युवा और ताकतवर और रोगमुक्त हो गया।
Winter Chyawanprash Benefits : सर्दियों के मौसम में च्यवनप्राश खाना अमृत माना जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, वृद्ध और कमजोर महर्षि च्यवन (Maharishi Chyawan) को अश्विनी कुमारों (Ashwini Kumars) ने एक विशेष रसायन दिया, जिससे उनका शरीर फिर से युवा और ताकतवर और रोगमुक्त हो गया। इसी रसायन को च्यवनप्राश नाम दिया गया। सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आयुर्वेद का रसायन च्यवनप्राश शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का सबसे विश्वसनीय उपाय माना जाता है।
यह न केवल इम्युनिटी बढ़ाता है, बल्कि फेफड़ों, हार्ट, त्वचा और दिमाग को भी पोषण देता है।
च्यवनप्राश में इसके अश्वगंधा, शतावरी, गिलोय, पुनर्नवा, हरड़, दशमूल और ब्राह्मी जैसी 30 से ज्यादा जड़ी-बूटियां मिलाई जाती हैं। घी, तिल तेल, इलायची, दालचीनी और पिप्पली जैसे मसाले और अंत में शहद और शर्करा डाली जाती है। शहद हमेशा ठंडे मिश्रण में मिलाया जाता है, क्योंकि गर्म में मिलाने से उसका गुण नष्ट हो जाता है।
सर्दियों में च्यवनप्राश खासतौर से जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में कफ दोष बढ़ जाता है, पाचन कमजोर हो जाता है और संक्रमण आसानी से फैलते हैं। च्यवनप्राश शरीर के अंदर की अग्नि को बैलेंस करता है, फेफड़ों को मजबूत बनाता है, सर्दी-खांसी से बचाव करता है और थकान-रूखापन दूर करता है। यह अंदर से शरीर को गर्म और ऊर्जावान रखता है।