विश्व रीढ़ दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य रीढ़ की सेहत के महत्व को बढ़ावा देना और लोगों को रीढ़ की स्वास्थ्य की गंभीरता को समझने के लिए शिक्षित करना है।
World Spine Day: विश्व रीढ़ दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य रीढ़ की सेहत के महत्व को बढ़ावा देना और लोगों को रीढ़ की स्वास्थ्य की गंभीरता को समझने के लिए शिक्षित करना है। रीढ़ की समस्या पृथ्वी ग्रह पर विकलांगता के सबसे एकल कारणों में से एक है। हम सभी के स्वस्थ और जीवित रहने के लिए रीढ़ की हड्डी का होना बहुत ही जरूरी है।
जीवन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होती हैं, जिसकी वजह से लोगों का जीवन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। बैठने, खड़े होने, चलने, मुड़ने और झुकने जैसी बुनियादी गतिविधियों का रीढ़ की हड्डी समर्थन करती है। एक स्वस्थ रीढ़ किसी की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और जीवन शैली की प्रभावशीलता को निर्धारित करती है। क्योंकि विकृति या रीढ़ की बीमारियों से गंभीर पीठ दर्द और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं, जो किसी के जीवन की भलाई को प्रभावित करती हैं।
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई तरह की परेशानियों में कई लक्षण दिखते हैं, जिनमें कमर के निचले हिस्से में दर्द, सुन्न हो जाना और झुनझुनी शामिल हैं। रीढ़ से जुड़ी समस्याओं के चलते कमर में दर्द हो सकता है, जो इसका एक प्रमुख लक्षण है। रीढ़ से जुड़ी कई स्थितियां हैं, जो दर्द और परेशानी का कारण बन सकती हैं।
स्पाइनल स्टेनोसिस
रीढ़ से जुड़ी समस्याओं में से एक स्पाइनल स्टेनोसिस भी है। इस समस्या में में स्पाइनल कैनाल सिकुड़ जाती है, इसमें जगह कम रह जाती है। इससे स्पाइनल कैनाल की पूरी संरचना जैसे स्पाइनल कॉर्ड, नर्व टिश्यू और सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड पर दबाव पड़ता है। इसके इलाज के तौर पर फिजिकल थेरैपी, दवाएं खाना, स्टेरॉइड इंजेक्शन और सर्जरी के विकल्प मौजूद हैं।
रीढ़ से जुड़ी समस्याएं
रीढ़ से जुड़ी समस्याओं में से एक स्पाइनल स्टेनोसिस भी है. इस समस्या में में स्पाइनल कैनाल सिकुड़ जाती है, इसमें जगह कम रह जाती है। इसके इलाज के तौर पर फिजिकल थेरैपी, दवाएं खाना, स्टेरॉइड इंजेक्शन और सर्जरी के विकल्प मौजूद हैं।
हर्निएटेड डिस्क
हर्निएटेड डिस्क का मतलब वर्टेब्रे के बीच की डिस्क में लगी चोट से है। इस स्थिति का अन्य नाम स्लिप डिस्क और रपचर्ड डिस्क भी है। इन डिस्क का बीच का हिस्सा सॉफ्ट, जबकि बाहरी हिस्सा कठोर होता है। जब बीच का सॉफ्ट हिस्सा, बाहर के कठोर हिस्से को बाहर की ओर धकेल देता है तो इसे हर्निएटिड डिस्क कहा जाता है। हर्निएटेड डिस्क इसके प्रकार और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करती है। इसके इलाज के तौर पर फिजिकल थेरेपी और सर्जरी का सहारा लिया जाता है।
सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस
सर्वाइकल स्टोंडिलासिस में व्यक्ति की डिस्क की हाइट कम होने से जुड़ी है और यह स्थिति रीढ़ के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है. इस समस्या में कई बार नस दब जाती है. यह स्थिति का इलाज इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करती है। इसके इलाज में एक्सरसाइज, दवाएं खाने, फिजिकल थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं।