महंगाई की मार झेल रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। मार्च महीने में थोक मूल्य आधरित महंगाई दर घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई है, जबकि फरवरी में यह 2.38 प्रतिशत थी। मंगलवार को सरकार की तरफ से आंकड़े जारी कर इसकी जानकारी दी गयी है।
WPI Inflation: महंगाई की मार झेल रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। मार्च महीने में थोक मूल्य आधरित महंगाई दर घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई है, जबकि फरवरी में यह 2.38 प्रतिशत थी। मंगलवार को सरकार की तरफ से आंकड़े जारी कर इसकी जानकारी दी गयी है। आंकड़ों के अनुसार खाद्य पदार्थों की कीमतों में धीमी गति से वृद्धि के कारण भारत की थोक मुद्रास्फीति मार्च में चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, सालाना आधार पर थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में थोक महंगाई दर 0.26 प्रतिशत थी।
उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में महंगाई सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, बिजली व कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई फरवरी के 3.38% से घटकर मार्च में 1.57% रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही।
हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मार्च में बढ़कर 3.07% हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86% थी। ईंधन तथा बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20% रही।