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नए साल पर उपग्रह XPoSat की लॉन्चिंग से पहले तिरुमाला श्रीवेंकटेश्वर मंदिर पहुंचे ISRO वैज्ञानिक,सुबह 9:10 बजे किया जाएगा प्रक्षेपित

पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट मिशन (PSLV-C58/ExpoSat Mission) के लॉन्च से पहले इसरो वैज्ञानिक अमित कुमार पात्रा, विक्टर जोसेफ, यशोदा, श्रीनिवास तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Tirumala Sri Venkateswara Temple) पहुंचे हैं। एक्सपोसैट (XPoSat) एक जनवरी 2024 को सुबह 9:10 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

श्रीहरिकोटा। पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट मिशन (PSLV-C58/ExpoSat Mission) के लॉन्च से पहले इसरो वैज्ञानिक अमित कुमार पात्रा, विक्टर जोसेफ, यशोदा, श्रीनिवास तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Tirumala Sri Venkateswara Temple) पहुंचे हैं। एक्सपोसैट (XPoSat) एक जनवरी 2024 को सुबह 9:10 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा (Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota) से किया इसे लॉन्च किया जाएगा।

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जानें क्या है एक्सपोसैट?

एक्स पोलारिमीटर सैटेलाइट ( XPoSat) आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान करने वाला इसरो का पहला उपग्रह हैँ। सैटेलाइट कॉन्फिगरेशन को आईएमएस-2 बस प्लेटफॉर्म से संशोधित किया गया है। इसमें पोलिक्स (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) और एक्सस्पेक्ट (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) दो पेलोड हैं। पोलिक्स को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा और एक्सस्पेक्ट को यू.आर.राव उपग्रह केंद्र के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप द्वारा बनाया गया है।

इसरो के इस मिशन का उद्देश्य

पोलिक्स पेलोड द्वारा थॉमसन स्कैटरिंग के जरिए लगभग 50 संभावित ब्रह्मांडीय स्रोतों से निकलने वाले ऊर्जा बैंड 8-30keV में एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापना।

एक्सस्पेक्ट पेलोड द्वारा ऊर्जा बैंड 0.8-15keV में ब्रह्मांडीय एक्स-रे स्रोतों का दीर्घकालिक वर्णक्रमीय और अस्थायी अध्ययन करना।

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सामान्य ऊर्जा बैंड में क्रमशः पोलिक्स और एक्सस्पेक्ट पेलोड द्वारा ब्रह्मांडीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का ध्रुवीकरण और स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप करना।

ब्लैक होल का भी अध्ययन करेगा उपग्रह

पीएसएलवी-सी58 रॉकेट अपने 60वें मिशन में प्राथमिक पेलोड एक्सपोसै(XPoSat ) और 10 अन्य उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षाओं में तैनात करेगा। चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित इस स्पेसपोर्ट के पहले लॉन्च पैड से एक जनवरी को सुबह 9.10 बजे उड़ान भरने के लिए रविवार को 25 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि इसरो के अलावा अमेरिका स्थित नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एजेंसी (NASA) ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेषों, ब्लैक होल द्वारा उत्सर्जित कण धाराओं और अन्य ब्रह्मांडीय घटनाओं पर एक समान अध्ययन – इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर मिशन आयोजित किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि भारत में इमेजिंग और टाइम डोमेन अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतरिक्ष-आधारित एक्स-रे खगोल विज्ञान स्थापित किया गया है। सोमवार का दिन वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन हैं।

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