भारत के उभरते युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है, आज वह किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। किस प्रकार के संघर्ष के बाद यशस्वी इस मुकाम पर पहुंचे हैं वह भी किसी से छिपा नहीं है।
Yashasvi Jaiswal : भारत के उभरते युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है, आज वह किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। किस प्रकार के संघर्ष के बाद यशस्वी इस मुकाम पर पहुंचे हैं वह भी किसी से छिपा नहीं है। उन्हें छोटी उम्र में पॉकेट मनी के लिए पानीपुरी तक बेचना पड़ा। क्रिकेट खेलने के लिए कई तरह के संघर्ष करने पड़े और आज वह वेस्ट इंडीज (West Indies) के खिलाफ डेब्यू टेस्ट मैच (Debut Test match) में शतक ठोककर सुर्खियों में हैं।
21 साल युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) पहला टेस्ट शतक लगाने के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाये और पिता से बातचीत के दौरान फूट-फूटकर रोने लगे। एक इंटरव्यू में उनके पिता भूपेंद्र जायसवाल (Yashasvi’s father Bhupendra Jaiswal) ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यशस्वी ने डोमिनिका टेस्ट के दूसरे दिन शतक जड़ने के बाद सुबह उन्हें लगभग 4:30 बजे फोन किया। इस दौरान वह अपनी आंसूओं पर काबू नहीं रख पाया। वह दोनों बातचीत के दौरान खूब रोये। यशस्वी के पिता ने बताया कि यह बेहद भावुक क्षण था। वह उनसे ज्यादा देर तक बात नहीं कर सके क्योंकि वह बहुत थके हुए थे। यशस्वी ने उनसे सिर्फ इतना पूछा की आप खुश हैं ना पापा?
बता दें कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ डोमिनिका टेस्ट (Dominica Test) में यशस्वी जायसवाल सेलेक्टर्स की उम्मीदों पर खरा उतरे। उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी कर भारत को पहले टेस्ट मैच में यादगार जीत दिलाई। वह डेब्यू टेस्ट मैच में 150 रन बनाने वाले भारत के पांचवें सबसे कम उम्र के सलामी बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने 21 साल 196 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा डेब्यू टेस्ट में विदेश से बाहर शतक जड़ने वाले भारत के सातवें खिलाड़ी भी बन गए हैं।