पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने मंगलवार को ट्वीट कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष की तरफ से उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार (Presidential Candidate) बनाया जा सकता है।
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने मंगलवार को ट्वीट कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष की तरफ से उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार (Presidential Candidate) बनाया जा सकता है।
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाऊं, ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकूं। मुझे उम्मीद है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) प्रत्याशी होंगे। दोपहर 2:30 बजे इसका औपचारिक ऐलान होगा। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) के दिल्ली स्थित घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगी है।
बता दें कि यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी। उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था।
इन तीन दिग्गजों ने ठुकराया ऑफर
इससे पहले 15 जून को तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शरद पवार (Sharad Pawar) का नाम प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, पवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तब नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को दो संभावित नामों के रूप में प्रस्तावित किया था। हालांकि, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण, दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।