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Yogi Government 2.0 : अखिलेश के करीबी अफसरों की कुर्सी पर बढ़ा खतरा , योगी सरकार तैयार कर रही है लिस्ट!

योगी सरकार 2.0 (Yogi Government 2.0) इस बार अलग तेवर में नजर आ रही है। योगी के सत्तारूढ होने के बाद एक तरफ जहां माफियाओं और अपराधियों पर बुलडोजर कहर बनकर टूट रहा है, तो वहीं बड़े अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया है। बीते गुरुवार को योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोनभद्र के डीएम और गाजियाबाद के एसएसपी को सीधे सस्पेंड कर दिया है। योगी सरकार के इस कदम के बाद अफसरशाही यह चर्चा तेज हो गई है कि अब अगला नंबर किसका?

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। योगी सरकार 2.0 (Yogi Government 2.0) इस बार अलग तेवर में नजर आ रही है। योगी के सत्तारूढ होने के बाद एक तरफ जहां माफियाओं और अपराधियों पर बुलडोजर कहर बनकर टूट रहा है, तो वहीं बड़े अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया है। बीते गुरुवार को योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोनभद्र के डीएम और गाजियाबाद के एसएसपी को सीधे सस्पेंड कर दिया है। योगी सरकार के इस कदम के बाद अफसरशाही यह चर्चा तेज हो गई है कि अब अगला नंबर किसका?

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बता दें कि इससे पहले यूपी के 4 आईपीएस अफसरों के भी तबादले किए गए, जिसमें 2 नामों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। पहला नाम एडीजी नवनीत सिकेरा जिनको पीटीएस उन्नाव भेजा गया, दूसरा नाम डीआईजी धर्मेंद्र सिंह जिनको डीआईजी आरटीसी चुनार बनाकर भेजा गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश के संपर्क में आए अफसरों पर कार्रवाई?

इन अफसरों की नई पोस्टिंग से चर्चा आम हो गई है। यूपी में अब बारी उन आईएएस और आईपीएस अफसरों की है, जो चुनाव के दौरान सरकार बदलाव के अंदेशे में समाजवादी पार्टी के खेमे से कनेक्शन साधने लगे थे। कई बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि इस सरकार के कई अफसर अब उनको सूचना दे रहे हैं, उनके संपर्क में आने की कोशिश में हैं।

तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार सत्तारूढ होने ने भी ऐसे अफसरों कि सूची बनाई है। इसके बाद तय माना जा रहा है कि जल्द कुछ और आईएएस और आईपीएस के साथ-साथ बड़े अफसर तबादला या कार्रवाई की जद में आना तय है। फिलहाल अब तक अफसरों पर की गई सस्पेंशन की कार्रवाई हो या तबादला कर शंट पोस्टिंग पर भेजने का आदेश से यह साफ हो गया है कि इस बार सरकार की निगाह छोटी मछलियों पर नहीं बड़ी मछलियों पर हैं, वह फिर चाहे जिले के डीएम हो कप्तान हो या फिर अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसर हों।

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अगला नंबर किसका?

सोनभद्र के पूर्व डीएम टीके शिबू को अवैध खनन से लेकर निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने के मामले में यह निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन आफिसर के रूप में उन्हें कार्य में लापरवाही का भी दोषी माना गया है। जबकि गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड किए जाने का कारण अपराध रोकने में नाकामी बताया गया है। डासना इलाके में पेट्रोल पंप कर्मी से 25 लाख रुपये की लूट मामले में उनकी कुर्सी जाने का मामला सामने आया है। इन दोनों मामलों ने प्रदेश की नौकरशाही में एक अलग प्रकार का भय उत्पन्न कर दिया है। डीएम, एसएसपी से लेकर राज्य सचिवालय तक में इन एक्शन की चर्चा हो रही है। अगला नंबर किसका? यह सवाल भी खूब उठ रहा है।

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