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योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में अब रेंट एग्रीमेंट की होगी रजिस्ट्री

यूपी (UP) में योगी सरकार (Yogi Government) के तरफ से अब संपत्ति की सुरक्षा के लिए रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreements) की रजिस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) बेहद कम रखा जाएगा। एक वर्ष से ज्यादा के रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreements) पर न्यूनतम स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) 500 रुपये से अधिकतम 20 हजार रुपये तक होगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) में योगी सरकार (Yogi Government) के तरफ से अब संपत्ति की सुरक्षा के लिए रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreements) की रजिस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) बेहद कम रखा जाएगा। एक वर्ष से ज्यादा के रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreements) पर न्यूनतम स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) 500 रुपये से अधिकतम 20 हजार रुपये तक होगा।

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इसी के साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट (Registered Agreement) में लिखी शर्तें ही कानूनी रूप से मान्य होंगी, जिन पर कोर्ट में दावा किया जा सकेगा। इससे जुड़ा प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा। स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल (Stamp and Registration Minister Ravindra Jaiswal) ने कहा कि इससे मकान मालिक और किरायेदारी से जुड़े विवादों में भी कमी आएगी। वर्तमान में किराये और अवधि के हिसाब से स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) तय होता है।

किरायेनामे को पंजीकृत कराने से मकान मालिक और किरायेदार दोनों का हित सुरक्षित रहेगा। पंजीकरण कराने के बाद एग्रीमेंट में लिखी शर्तों की ही कानूनी मान्यता होगी।

रजिस्टर्ड एग्रीमेंट पर लिखी शर्तें ही होंगी कानूनी रूप से मान्य

दरअसल, अभी रेंट एग्रीमेंट में स्टाम्प शुल्क ज्यादा होने के कारण बहुत कम लोग इसे कराते हैं। ज्यादातर लोग 100 रुपये के स्टाम्प पर किराया समझौता कर लेते हैं, जिसका कोई कानूनी दावा नहीं होता है। स्टाम्प व पंजीयन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में एक साल में महज 86 हजार रेंट एग्रीमेंट हुए हैं, जबकि घर से लेकर दुकान और आफिस किराये पर देने वालों की संख्या लाखों में होगी।

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स्टाम्प शुल्क के नियम सरल और कम करने के प्रस्ताव के साथ ही एक वर्ष तक के एग्रीमेंट वालों के लिए अलग से पोर्टल बनेगा। पोर्टल पर एक तय फार्मेट होगा, जिसे डाउनलोड कर प्रिंट निकाला जा सकेगा। इस फार्मेंट को स्टाम्प पर चिपकाने से इसे कानूनी रूप मिल जाएगा। रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री न कराने पर मुकदमा भी नहीं लड़ पाएंगे। अपने अधिकार सिद्ध नहीं कर पाएंगे। एग्रीमेंट पर लिखी गई शर्तं ही मान्य होंगी। उन्हीं पर दावा चलेगा।

मौजूदा रेंट एग्रीमेंट एक्ट में प्रावधान

1 साल के रेंट एग्रीमेंट पर किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क

5 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 3 वर्ष के किराये का 2 फीसदी शुल्क

10 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 4 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क

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20 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 5 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क

30 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 6 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क

30 साल से ऊपर रेंट एग्रीमेंट पर बैनामे की तरह 7 फीसदी स्टाम्प शुल्क

कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेंट एग्रीमेंट नियम

एक साल तक के एग्रीमेंट पर किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क

दो लाख रुपये तक के किराये पर केवल 500 रुपये स्टाम्प शुल्क

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पांच लाख रुपये तक के किराये पर महज 5000 रुपये स्टाम्प शुल्क

एक करोड़ या इससे ज्यादा के किराये पर केवल 20000 रुपये स्टाम्प शुल्क

एक करोड़ तक की प्रॉपर्टी पर महिलाओं को मिलेगी स्टाम्प छूट

संपत्ति में महिलाओं का अधिकार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। एक करोड़ रुपये तक की प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री महिला के नाम करने पर एक फीसदी स्टाम्प छूट मिलेगी। यह सीमा अभी 10 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी पर है। जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। स्टाॅप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार संवेदनशील है। इसके अंतर्गत एक करोड़ की संपत्ति पर महिलाओं को छूट देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। महिला के नाम रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क में एक फीसदी की छूट दी जाती है।

अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट

वर्तमान प्रस्ताव के तहत कोई संपत्ति यदि एक करोड़ रुपये की है तो महिला के नाम रजिस्ट्री कराने पर 90 लाख पर 7 फीसदी फीसदी स्टाम्प शुल्क व 10 लाख पर 6 फीसदी स्टाम्प शुल्क का प्रावधान है। यानी अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट मिलती है।

स्टाम्प शुल्क 7 फीसदी के स्थान पर 6 फीसदी लगेगा

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कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद एक करोड़ की संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क 7 फीसदी के स्थान पर 6 फीसदी लगेगा। इस तरह अधिकतम एक लाख रुपये का फायदा होगा। पिछले बजट में केंद्र सरकार ने महिला कल्याण को लेकर लिए गए फैसलों पर खर्च होने वाले बजट का प्रावधान किया था। उम्मीद है कि एक करोड़ तक की संपत्ति पर एक फीसदी की छूट की राजस्व राशि का हिस्सा मिल सकता है। इससे पहले केवल पांच हजार रुपये में गिफ्ट डीड से भी महिलाओं के नाम करीब 4 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति की गई थी।

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