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Zero Shadow Day 2023: कल परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ, भारत में घटेगी बड़ी खगोलीय घटना

कल यानी 18 अगस्त 2023 को एक ऐसी खगोलीय घटना होगी, जो केवल कुछ ही राज्यों में दिखाई देगी। यह घटना 'जीरो शैडो डे' की वजह से होगी। इस दिन आपकी परछाई नहीं दिखेगी। बताया जा रहा है कि, बैंग्लूरू में दोपहर 12 से 1 बजे के बीच डेढ मिनट के लिए आपकी अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी।

By शिव मौर्या 
Updated Date

Zero Shadow Day 2023: कल यानी 18 अगस्त 2023 को एक ऐसी खगोलीय घटना होगी, जो केवल कुछ ही राज्यों में दिखाई देगी। यह घटना ‘जीरो शैडो डे’ की वजह से होगी। इस दिन आपकी परछाई नहीं दिखेगी। बताया जा रहा है कि, बैंग्लूरू में दोपहर 12 से 1 बजे के बीच डेढ मिनट के लिए आपकी अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी। ऐसी स्थिति साल में दो बार बनती है जब हर चीज की परछाई गायब हो जाती है। ऐसा घटना राजस्थान में नहीं होगी।

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सूर्य की किरणें धरती पर लम्बवत होगी
वैज्ञानिकों के अनुसार जब सूर्य धरती के बीचों बीच यानी बिल्कुल ऊपर आ जाने पर आपकी अपनी परछाई दिखाई नहीं देगी। ऐसा नहीं है कि इस दिन परछाई पूरे दिन ही नहीं दिखाई देती है यह सिर्फ डेढ मिनट तक का दृश्य होता है जब सूर्य की किरणे धरती पर लंबवत पडती है। उस दौरान परछाई पैरों के बिल्कुल नीचे आ जाने पर परछाई दिखाई नहीं देती है। 130 लेटीट्यूड पर स्थित सभी स्थानों पर ऐसा होता है।

कुछ पलों के लिए इंसान या किसी भी वस्तु की परछाई दिखना बंद हो जाती है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार कल बैंग्लूरू में जीरो शेडो डे मनाया जाएगा क्योकि दिन में 12 से 1 बजे के बीच लोकल टाइम के अनुसार एक से डेढ मिनट के लिए आपकी अपनी परछाई नहीं दिखेगी। ऐसी घटना दक्षिणी क्षेत्रों में ही यह खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। ,राजस्थान में इस तरह का दृश्य यानी जीरो शेडो नहीं होगा क्योकि राजस्थान का लेटीट्यूड 27 है। यह घटना बिलो 23 लेटीट्यूड वाले क्षेत्रों में ही देखने को मिलती है।

साल में दो बार घटना घटित होती
पृथ्वी के घूमने की धुरी के झुकाव के कारण यह विशेष स्थिति बनती है। सूर्य के परिक्रमा तल के लंबवत होने की बजाय पृथ्वी उससे 23.5 डिग्री तक झुकी होती है। इस कारण हर रोज दोपहर में सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर नहीं आ पाता है लेकिन साल में दो बार ऐसा होता है। अप्रैल और अगस्त महीने में इन दोनों दिन पृथ्वी पर कर्क और मकर रेखा के बीच के स्थान पर सूर्य की रोशनी बिल्कुल संभवत पड़ती है।

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