राजस्थान के अजमेर जिले से गुरुवार को बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार, 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट केस में अजमरे की टाडा कोर्ट (TADA Court) ने अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) को बरी कर दिया है। मामले में इरफान और हमीदुद्दीन को सजा सुनाई गई है।
1993 Serial Blast Case : राजस्थान के अजमेर जिले से गुरुवार को बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार, 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट केस में अजमरे की टाडा कोर्ट (TADA Court) ने अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) को बरी कर दिया है। मामले में इरफान और हमीदुद्दीन को सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid Demolition) के बाद 1993 में लखनऊ, कोटा, हैदराबाद, सूरत, कानपुर और मुंबई की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट (Serial Bomb Blast) हुए थे। इन्हीं ब्लास्ट में करीम टुंडा आरोपी था। इस मामले की सुनवाई बीते 30 सालों से चल रही थी। जानकारों के अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि देश में जहां-जहां भी ब्लास्ट हुए वहां टुंडा की मौजूदगी नहीं मिली है।
सभी धाराओं और अधिनियम से टुंडा बरी
वकील शफकत सुल्तानी ने कहा कि अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) निर्दोष है, आज कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। अब्दुल करीम टुंडा को सभी धाराओं और सभी अधिनियमों से बरी कर दिया गया है। सीबीआई अभियोजन टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। हम शुरू से कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) निर्दोष हैं। इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है और जल्द ही उन्हें सजा सुनाई जाएगी।
टुंडा साल 2013 में हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि CBI ने अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda) को 1993 में देश के कई राज्यों में हुए धमाकों का जिम्मेदार माना था और साल 2013 में पुलिस ने उसे नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। कथित रूप से टुंडा ने भारत में युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग दी थी।