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Adani-Hindenburg Case : सेबी की जांच में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- नियामक तीन महीने में पूरी करे जांच

Adani-Hindenburg Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के आरोपों पर सेबी (SEBI)की जांच में दखल देने से इनकार किया है। तीन जजों की बेंच ने अदानी समूह (Adani Group) पर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research)  के आरोपों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Adani-Hindenburg Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के आरोपों पर सेबी (SEBI)की जांच में दखल देने से इनकार किया है। तीन जजों की बेंच ने अदानी समूह (Adani Group) पर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research)  के आरोपों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। अदालत ने सेबी (SEBI) को 22 मामलों की जांच सौंपी थी जिसमें दो की जांच बाकी है। न्यायालय ने सेबी (SEBI) को तीन महीने में लंबित जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह साबित करने का कोई आधार नहीं है कि सेबी ने ढिलाई बरती

अदानी समूह (Adani Group) को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि वह नियामकीय व्यवस्था के दायरे में नहीं आ सकता और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट या ऐसी कोई भी चीज अलग से जांच के आदेश का आधार नहीं बन सकती। अदालत ने कहा कि सेबी (SEBI) आगे बढ़ेगा और कानून के अनुसार अपनी जांच जारी रखेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि यह साबित करने का कोई आधार नहीं है कि सेबी (SEBI) ने कदम उठाने में ढिलाई बरती। इसके अलावा, अदालत ने कहा कि वर्तमान में मामले को सीबीआई (CBI) को स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है। फैसले में आगे कहा गया है कि सरकार और सेबी शॉर्ट-सेलिंग (SEBI Short-Selling) पर हिंडनबर्ग की आरे से लगाए गए कानून के उल्लंघन के आरोपों, यदि कोई हो, की जांच करेंगे और इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया फैसला

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India Justice DY Chandrachud) , जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सेबी (SEBI) को एफपीआई और एलओडीआर नियमनों पर उसके संशोधनों को रद्द करने का निर्देश देने के लिए कोई वैध आधार नहीं है। सेबी ने 22 में से 20 मामलों में जांच पूरी कर ली है। सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, हम सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं।

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अदाणी समूह के शेयरों में दिखी तेजी

इससे पहले हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  से अनुकूल फैसला आने की उम्मीद में अदाणी समूह के शेयरों में बुधवार को 10 फीसदी तक की तेजी आई। 10 शेयरों के समूह में अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस सबसे अधिक 10 फीसदी तक चढ़ गया, जबकि अदाणी टोटल गैस 8 फीसदी और एनडीटीवी (NDTV) के शेयर 7 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। अदाणी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अदाणी विल्मर (Adani Wilmar), अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) और अदाणी पावर (Adani Power) के शेयर 5-6 की बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। अहमदाबाद स्थित समूह प्रमुख कंपनी अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports) के शेयरों में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

 हिंडनबर्ग ने कॉरपोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी के लगाए थे आरोप 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया है कि अरबपति गौतम अदानी (Billionaire Gautam Adani) ने ‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ की है। पिछले महीने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)   ने कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो कुछ कहा गया है, उसे पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता।

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