बॉलीवुड एक्टर प्रभास (Bollywood actor Prabhas) और कृति सेनन (Kriti Sanon)की मेगा बजट फिल्म आदिपुरुष सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के डायलॉग और सीन को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। इसी कड़ी में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की नगरी उज्जैन के संतों ने भी फिल्म पर नाराजगी जाहिर की है।
उज्जैन। बॉलीवुड एक्टर प्रभास (Bollywood actor Prabhas) और कृति सेनन (Kriti Sanon)की मेगा बजट फिल्म आदिपुरुष सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के डायलॉग और सीन को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। इसी कड़ी में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की नगरी उज्जैन के संतों ने भी फिल्म पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने बाकायदा वीडियो जारी कर कहा है कि फिल्म में आवरण और आचरण हमारे ग्रंथों के अनुसार नहीं हैं। जो फिल्मकार पैसा कमाने के उद्देश्य से फिल्म बना रहे हैं और हिंदुओं को भावनाओं को बार-बार आहत कर रहे हैं वे सुधर जाएं।
“मनोज वास्तव में मुंतशीर ही था, जिसने शुक्ला बनने की कोशिश की। टपोरी छाप, लफ़ंगा जैसे शब्दों का प्रयोग किया है, हमें स्वीकार नहीं है। सनातन धर्म में परमात्मा का सरलीकरण करना अक्षम्य अपराध है.” pic.twitter.com/4unB4Twu5Q
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) June 17, 2023
संतों ने सेंसर बोर्ड (Censor Board) को लेकर भी तंज कसा है। संतों ने कहा कि हिंदू धर्म की फिल्मों पर सेंसर बोर्ड (Censor Board) की कैंची बगल में रख दी जाती है, जबकि अन्य धर्मों की फिल्मों में अगर छेड़छाड़ हो जाए तो तत्काल दृश्य काट दिए जाते हैं। संतों ने सेंसर बोर्ड (Censor Board) में सलाहकार नियुक्त करने की मांग की है। महामंडलेश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा (Mahamandaleshwar Shri Panch Dasnam Juna Arena) के स्वामी शैलेशानंद गिरी (Swami Shaileshanand Giri) ने कहा कि आज के आधुनिक युग में हर क्रिया, वस्तु, मंदिर को उत्पाद माना जाने लगा है। उपार्जन के लिए उसका उपयोग किया जा रहा है। श्री और श्रेय साथ होंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे। किसी भी प्रकार से समाज में विवाद उत्पन्न करके आपको धन तो मिल जाएगा, लेकिन श्रेय नहीं मिलेगा।
आवरण और आचरण दोनों में मिलावट: स्वामी शैलेशानंद
उन्होंने कहा कि आदिपुरुष के आवरण और आचरण दोनों में मिलावट की गई है। हमारे ग्रंथों में प्रभु श्रीराम, मां सीता की वेशभूषा के बारे में एकदम स्पष्ट है कि उनका आवरण व आचरण कैसा था। सेंसर बोर्ड की कैंची सिर्फ हिन्दू धर्म पर ही चलती है, बाकी धर्मों की बात पर क्या होता है तुरंत आपत्ति दर्ज हो जाती है? उसे कैंसल कर दिया जाता है। ये विचित्र बात है। सेंसर बोर्ड के पैनल में साधु-संतों का एक सलाहकार नियुक्त होना चाहिए।
यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है :क्रांतिकारी संत अवधेशपुरी महाराज
क्रांतिकारी संत अवधेशपुरी महाराज (Revolutionary Saint Awadheshpuri Maharaj) ने कहा कि ये घोर आश्चर्य का विषय है कि भारतीय फिल्मकार पैसा कमाने के लिए फिल्में बना रहे हैं। फिल्म आदिपुरुष में जगतजननी मां सीता को अलग ही तरीके से दर्शया गया है। इससे जो हिन्दू फिल्म देखेगा उसकी भावनाएं आहत होंगी। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, मां सीता शालीनता भक्ति का मर्यादा का स्वरूप हैं। उनके इतने पवित्र चरित्र को इस प्रकार से अश्लीलता के साथ परोसा जाएगा तो हमारी धर्म-संस्कृति का क्या होगा? फिल्मकार इस प्रकार का दुस्साहस करना बंद कर दें। यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है।