Whose Government in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद जारी किए एग्जिट पोल में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे ज्यादा 35-40 सीटें मिलते दिख रही हैं, लेकिन किसी को भी पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना नहीं जताई गयी है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से 5 लोगों को विधानसभा के लिए मनोनीत किए जाने की खबरें सुर्खियों में है, जोकि किंग मेकर साबित हो सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को बड़ा खेला होने का डर सताने लगा है।
Whose Government in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद जारी किए एग्जिट पोल में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे ज्यादा 35-40 सीटें मिलते दिख रही हैं, लेकिन किसी को भी पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना नहीं जताई गयी है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से 5 लोगों को विधानसभा के लिए मनोनीत किए जाने की खबरें सुर्खियों में है, जोकि किंग मेकर साबित हो सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को बड़ा खेला होने का डर सताने लगा है।
दरअसल, धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 के तहत विधानसभा में 5 विधायकों को उपराज्यपाल मनोनीत कर सकते हैं। यह नियम महिलाओं, कश्मीरी पंडितों और PoK के प्रतिनिधित्व के लिए लाया गया था। जुलाई 2023 में इसे संशोधित किया गया था। ऐसे में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा चुनाव के नतीजों के बाद पांच लोगों को विधायक नियुक्त करते हैं तो विधानसभा में कुल संख्या 95 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 48 हो जाएगा।
इतना ही नहीं, इन मनोनीत विधायकों को विधानसभा में वोटिंग के अधिकार के साथ-साथ सभी विधाई शक्तियां और विशेषाधिकार मिलेंगे। ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को डर है कि उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत पांच विधायक भाजपा को अपना समर्थन दे सकते हैं। इस मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान डार ने कहा, “कश्मीरी प्रवासियों और पीओके विस्थापितों को शामिल करने का उपयोग इन समुदायों के अनूठे मुद्दों को संबोधित करने के रूप में किया जा रहा है, लेकिन तथ्य यह है कि यह नई सरकार को कमजोर करेगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुनील शर्मा ने कहा, “सदस्यों के मनोनयन की प्रक्रिया निर्वाचित सरकार पर छोड़ दी जानी चाहिए, जिसके पास जनादेश है।” सूत्रों की मानें तो उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जिन 5 सदस्यों का मनोनीत करेंगे, उनमें एक महिला, एक पीओके से आया शरणार्थी, 2 कश्मीरी विस्थापित और एक अन्य होगा। हर कैटेगरी के लिए 5-6 नाम भेजे गए हैं।
इन लोगों को उपराज्यपाल मनोनीत कर सकते हैं विधायक
उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत होने वाले संभावित लोगों में पहला नाम भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष संजीता डोगरा है, जोकि जनसंघ आंदोलन से जुड़े पंडित प्रेम नाथ डोगरा की पौत्र वधु हैं। दूसरा नाम जम्मू कश्मीर के जाने माने वकील और भाजपा के प्रवक्ता सुनील सेठी का है। तीसरा नाम जम्मू कश्मीर में भाजपा के संगठन महामंत्री और कश्मीरी पंडित अशोक कौल है। इसके अलावा, बीजेपी की कार्यकर्ता व महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष रजनी सेठ और जम्मू कश्मीर भाजपा की सचिव डॉ. फरीदा को मनोनीत किया जा सकता है।