राजधानी लखनऊ में दिवाली के बाद प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। आतिशबाजी के बाद वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार को लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 184 दर्ज किया गया, जो ऑरेंज जोन में आता है।
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दिवाली के बाद प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। आतिशबाजी के बाद वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार को लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 184 दर्ज किया गया, जो ऑरेंज जोन में आता है।
इसी तरह अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो प्रदेश भर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 पहुंच गया है, जो बेहद घातक की श्रेणी में आता है। इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और सांस की परेशानी बढ़ सकता है। साथ ही बुजुर्गों और बीमार लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वहीं, ये भी कहा है कि बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह भी दी है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि, प्रदूषण का मुख्य कारण पटाखों का धुआं, वाहनों का उत्सर्जन और मौसम में ठंड के कारण धुंध का जमाव है। उन्होंने लोगों से अनावश्यक वाहन प्रयोग से बचने, बुजुर्गों को बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह दी।