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हादसों में श्रद्धालुओं की मौत पर बोले अखिलेश यादव, ‘जब अरबों रुपये प्रचार पर बहाये जा रहे तो पीड़ितों को मुआवजा क्यों नहीं दे सकते’

Akhilesh Yadav on the Death of Devotees in Accidents: महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जिसके कारण संगम नगरी जाने वाले रास्तों पर लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। वहीं, आएदिन सड़क हादसों में श्रद्धालुओं की मौत की भी खबरें सामने आ रही हैं। जिसको लेकर यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हादसों के पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की है।

By Abhimanyu 
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Akhilesh Yadav on the Death of Devotees in Accidents: महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जिसके कारण संगम नगरी जाने वाले रास्तों पर लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। वहीं, आएदिन सड़क हादसों में श्रद्धालुओं की मौत की भी खबरें सामने आ रही हैं। जिसको लेकर यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हादसों के पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की है।

पढ़ें :- मुख्यमंत्री जी ने जिन्हें विदेशी समझकर अपनी नक़ली तारीफ़ करवाई, वही नक़ली निकले : अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘महाकुंभ के श्रद्धालुओं से भरी बसों व अन्य वाहनों के एक्सीडेंट की ख़बरे प्रतिदिन बढ़ रही हैं। जो बेहद दुखद है। इसके पीछे मुख्य कारण ये है कि भारी जाम व अव्यवस्था के कारण ड्राइवरों की हालत बहुत ख़राब है। न उनकी थकान उतर रही है न नींद पूरी हो रही है। ऐसे में वो अर्द्ध निद्रा की अवस्था में वाहन चला रहे हैं जिससे दुर्घटनाएँ हो रही हैं। साथ ही सड़कों पर पैदल चलनेवालों को बचाने की भी चुनौती है। इसलिए ध्यान भटकते ही मौतें हो रही हैं। इसका समाधान सिर्फ़ अच्छी व्यवस्था है, जो सरकार ही कर सकती है पर कर नहीं पा रही है।’

अखिलेश ने आगे लिखा, ‘महाकुंभ यात्रा पर निकले उन सभी मृतक श्रद्धालुओं को एक समान माना जाए जो भगदड़, एक्सीडेंट या घुटन आदि कारणों से अलग-अलग जगह पर मारे गये हैं और इसके लिए उनके परिजनों को मुआवज़ा दिया जाए। सभी घायलों को भी उपचार के साथ-साथ क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए विभिन्न कोषों से पैसा उपलब्ध कराएं। जब अरबों रुपये प्रचार पर बहाये जा सकते हैं तो शोक संतप्त परिजनों के लिए सांत्वना के रूप में क्यों नहीं दिये जा सकते हैं।’

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