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UP News : शाहजहांपुर नगर निगम का गजब कारनामा, कब्रिस्तान को भेजा वॉटर टैक्स का बिल, 10 प्रतिशत छूट का भी ऑफर

यूपी शाहजहांपुर जिले में नगर निगम (Shahjahanpur Municipal Corporation) के कर विभाग में कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। मनमाने तरीके से कर लगाने की शिकायतें आम थीं। इस बार कब्रिस्तान के लिए जलकर का मांग बिल जारी कर दिया गया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

शाहजहांपुर। यूपी शाहजहांपुर जिले में नगर निगम (Shahjahanpur Municipal Corporation) के कर विभाग में कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। मनमाने तरीके से कर लगाने की शिकायतें आम थीं। इस बार कब्रिस्तान के लिए जलकर का मांग बिल जारी कर दिया गया।

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कांग्रेस नेता तस्नीम खां (Congress leader Tasneem Khan) ने सोशल मीडिया पर इसकी प्रति प्रसारित करते हुए निगम के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विपिन कुलदीप सिंह (Chief Tax Assessment Officer Vipin Kuldeep Singh) ने जांच कराने की बात कही है।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विपिन कुलदीप सिंह ने जांच की बात कही

शहर के मुहल्ला हाथीथान में वर्षों पुराना कब्रिस्तान है, जहां पर मुस्लिम समाज के लोग परिवार में किसी का इंतकाल होने पर उनके पार्थिव शरीर को दफनाते हैं। इस कब्रिस्तान को नगर निगम के कर अधीक्षक की ओर से 1129 रुपये का मांग बिल जारी किया गया है। बिल में 30 सितंबर तक दस प्रतिशत छूट का लाभ उठाने की बात भी लिखी है। मांग बिल की प्रति कब्रिस्तान के पास ही किसी को व्यक्ति को रिसीव करा दी गई।

जारी बिल की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल

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इस पर बिल तिथि तीन जून 2025 अंकित है। यह बिल कांग्रेस नेता तस्नीम खां (Congress leader Tasneem Khan)  को मिल तो उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया। कब्रिस्तान से जलकर वसूली के बिल को नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही बताते हुए निंदा की है।

हालांकि मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विपिन कुलदीप सिंह (Chief Tax Assessment Officer Vipin Kuldeep Singh)का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कब्रिस्तान की भूमि पर भवन निर्माण हो इसलिए यह बिल जारी किया गया हो। जांच में स्थिति साफ होगी।

धार्मिक स्थल व कब्रिस्तान को नहीं जारी हो सकता बिल

नियमानुसार धार्मिक स्थल और कब्रिस्तान को गृह व जल कर नहीं वसूला जा सकता है। उन संपत्तियों पर ही कर लगता है, जोकि रिहायशी हैं। इसमें मकान, दुकान, प्लाट आदि आते हैं। नगर निगम की ओर से संपत्ति मूल्य का 11-11 प्रतिशत गृह व जल कर वसूलना जाता है। जिले में कुल मकान 56 हजार हैं जिनसे गृह कर लिया जा रहा है। इनमें से 42 हजार संपत्तियों के स्वामियों पर जल कर लगता है, शेष को जल मूल्य देना होता है।

नगर आयुक्त डॉ. बिपिन कुमार मिश्र (Municipal Commissioner Dr. Bipin Kumar Mishra) ने बताया कि कब्रिस्तान की जमीन पर कोई संपत्ति हो सकती है, जिसका असेसमेंट हुआ हो। तभी जल कर का डिमांड बिल जारी किया गया होगा। मामले की जानकारी करेंगे और कोई गड़बड़ी हुई है तो सही कराया जाएगा।

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