1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. American Airstrike : सोनिया गांधी का बड़ा रिएक्शन, कहा- ‘ईरान की धरती पर हमले के गंभीर क्षेत्रीय और वैश्विक परिणाम होंगे…

American Airstrike : सोनिया गांधी का बड़ा रिएक्शन, कहा- ‘ईरान की धरती पर हमले के गंभीर क्षेत्रीय और वैश्विक परिणाम होंगे…

American Airstrike : कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने ईरान (Iran) में अमेरिकी हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ईरान (Iran) की धरती पर की जा रही इस बमबारी और सुनियोजित हत्याओं की कड़ी निंदा करती है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

American Airstrike : कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने ईरान (Iran) में अमेरिकी हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ईरान (Iran) की धरती पर की जा रही इस बमबारी और सुनियोजित हत्याओं की कड़ी निंदा करती है। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)  ने चेतावनी दी कि यह हमला क्षेत्र में युद्ध को और भड़का सकता है, जिसके गंभीर क्षेत्रीय और वैश्विक परिणाम होंगे।

पढ़ें :- Research Report : पुरुषों की घट रही है प्रजनन क्षमता, इन कारणों से बढ़ रही है समस्या

उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई की तुलना हाल ही में इजरायल द्वारा गाजा में की गई अमानवीय कार्रवाइयों से करते हुए कहा कि जैसे वहां निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया, वैसे ही ईरान में भी यह हमला आम लोगों के जीवन और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रहा है। कांग्रेस सीसीपी अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि इस तरह की हिंसात्मक कार्रवाइयां न सिर्फ मानवता के खिलाफ हैं, बल्कि वैश्विक शांति के प्रयासों को भी कमजोर करती हैं।

‘ईरान भारत का पुराना मित्र, इस्राइल पर सरकार की चुप्पी कर रही है परेशान ‘

इससे पहले सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)   ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में एक आर्टिकल लिख ईरान पर हुए हमलों की निंदा की थी। श्रीमती गांधी ने पश्चिम एशिया में इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में भारत की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सोनिया ने कहा कि ईरान भारत का पुराना मित्र रहा है और हमारे साथ उसके गहरे सभ्यतागत संबंध हैं। भारत और इस्राइल ने हाल के दशकों में रणनीतिक संबंध विकसित किए हैं। यह स्थिति हमारे देश को नैतिक जिम्मेदारी और कूटनीतिक लाभ देती है, ताकि तनाव कम करने और शांति के लिए एक पुल के रूप में काम किया जा सके।

एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)   ने गाजा और ईरान में इस्राइल की तबाही पर चिंता जाहिर की। इस्राइल की कार्रवाई पर मोदी सरकार की चुप्पी की आलोचना करते हुए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)   ने कहा कि गाजा में जारी तबाही और ईरान में हो रहे हमलों को लेकर भारत को स्पष्ट, जिम्मेदार और मजबूत आवाज में बोलना चाहिए। अभी देर नहीं हुई है। कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर इस्राइल के साथ एक स्वतंत्र फलस्तीन की परिकल्पना करने वाले शांतिपूर्ण दो राष्ट्र समाधान के प्रति भारत की दीर्घकालिक और सैद्धांतिक प्रतिबद्धता को त्यागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, इस्राइल ने ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हुए एकतरफा हमला किया, जो गैरकानूनी और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नेतृत्व में इस्राइल ने लगातार शांति भंग करने और आतंक को बढ़ावा देने का काम किया है। नेतन्याहू का पुराना रिकॉर्ड बताता है कि वे बातचीत नहीं चाहते, बल्कि मामले को बढ़ाना चाहते हैं। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस ईरान में हो रहे इन हमलों की निंदा करती है, जिनसे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर अस्थिरता और टकराव बढ़ सकता है।

पढ़ें :- ममता का बीजेपी पर सीधा अटैक, बोलीं- जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान और महात्मा गांधी के सिद्धांतों की अवहेलना हो, उस कार्यक्रम में कैसे जा सकती हूं?

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)   ने अमेरिका के अंतहीन युद्धों के खिलाफ बोलने के बाद पश्चिम एशिया में विनाशकारी रास्ते पर चलने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी आलोचना की थी। सोनिया ने कहा कि ट्रंप खुद कई बार बता चुके हैं कि कैसे इराक पर तबाही लाने वाले हथियार रखने के झूठे आरोप लगाकर युद्ध शुरू किया गया था, जिसने क्षेत्र को अस्थिर किया और इराक को तबाह कर दिया। ऐसे में 17 जून को ट्रंप का अपनी ही खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट को नकारते हुए यह दावा करना कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के बहुत नजदीक है, बेहद निराश करने वाला है।

कश्मीर पर ईरान का मिला था साथ

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)   ने कहा कि ईरान भारत का पुराना मित्र रहा है और हमारे साथ गहरे संबंधों से बंधा हुआ है। जम्मू-कश्मीर सहित महत्वपूर्ण अवसरों पर ईरान ने भारत का समर्थन करने का इतिहास रहा है। 1994 में ईरान ने कश्मीर मुद्दे पर मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की आलोचना करने वाले प्रस्ताव को रोकने में मदद की थी।

 

पढ़ें :- बहन से दूर रहने के कहा तो सनकी युवक ने की भाई हत्या, शरीर पर धारदार हथियार से किए 29 वार, छह आरोपी गिरफ्तार
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...