अमेरिका के हवाई में बीते मंगलवार से जंगलों में लगी आग विकराल होती जा रही है। जिसकी चपेट में अब माउई द्वीप पर बसा पूरा लहानिया शहर आ चुका है। इस आग में 89 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। यह आग लगने की दुर्घटना अमेरिका के 100 साल के इतिहास में सबसे घातक साबित हो रही है। वहीं, फंसे कुछ लोगों का कहना है कि वह मरने के लिए मजबूर हैं।
Fire in Lahaina City : अमेरिका के हवाई में बीते मंगलवार से जंगलों में लगी आग विकराल होती जा रही है। जिसकी चपेट में अब माउई द्वीप पर बसा पूरा लहानिया शहर आ चुका है। इस आग में 89 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। यह आग लगने की दुर्घटना अमेरिका के 100 साल के इतिहास में सबसे घातक साबित हो रही है। वहीं, फंसे कुछ लोगों का कहना है कि वह मरने के लिए मजबूर हैं।
इमरजेंसी टीमें लगातार लाहिना के जंगलों में आग फंसे लोगों का पता लगाने में जुटी है, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर बचाया जा सके। अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर इस ऐतिहासिक रिसॉर्ट शहर में आग इतनी तेजी से कैसे फैल गई। अमेरिका की इमरजेंसी सेवा एजेंसी (FEMA) के मुताबिक लाहिनना के रिनोवेशन की लगात करीब 5.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जिसमें 2200 से अधिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं जबकि 2100 एकड़ से अधिक जगह आग में जलकर खाक हो गई है।
शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि माउई जंगल की आग से मरने वालों की संख्या अब 89 हो गई है। यह अमेरिका के 100 साल के इतिहास की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा साबित हुई है। राज्य के गवर्नर जोश ग्रीन ने शनिवार को कहा था कि अभी और भी शव मिल सकते हैं। माउई के हवाई द्वीप में लगी जंगल की इस आग में भारत से भेजा गया करीब 150 साल पुराना बरगद का पेड़ भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।