उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की वीभत्स हत्या के बाद से देश भर में आक्रोश का माहौल है। इस घटना पर राजनीतिक दलों ने चिंता जताते हुए कड़ी निंदा की है। इसी बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं के लिए मदरसों की पढ़ाई (Madrasa Education)को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
नई दिल्ली। उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की वीभत्स हत्या के बाद से देश भर में आक्रोश का माहौल है। इस घटना पर राजनीतिक दलों ने चिंता जताते हुए कड़ी निंदा की है। इसी बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं के लिए मदरसों की पढ़ाई (Madrasa Education)को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मदरसों में ऐसी ही चीजें पढ़ाई जाती हैं कि इस तरह के लोग तैयार हो जाएं। केरल के गवर्नर ने कहा कि हमें चिंता होती है, जब लक्षण सामने आते हैं, लेकिन गहरी बीमारी को समझने से ही इनकार कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को यह पढ़ाया ही जाता है कि ईशनिंदा की सजा सिर को धड़ से अलग करना है। इसे खुदा के कानून के तौर पर पढ़ाया जाता है। वहां क्या पढ़ाया जाता है। इस बात की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना हुई है, वह इस्लाम की शिक्षा नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मदरसों में बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है या नहीं। उन्होंने कहा कि देश में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य (Primary Education Compulsory)है और ऐसी स्थिति में मदरसों में बच्चों को पढ़ाने की बजाय उन्हें स्कूलों में भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बचपन की उम्र कच्ची होती है और उस दौर में इस तरह की कट्टर शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर की घटना इंसान को अंदर तक झकझोर देने वाली है। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि साम्प्रदायिकता इंसानों से अच्छाई के आखिरी कण को समाप्त कर देगी। यह फिर से चेतावनी देता है कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती सांप्रदायिक उग्रवाद (Communal Extremism) का बढ़ना है। उन्होंने कहा कि यह समय है, जब हमें सांप्रदायियकता से लड़ना होगा। गवर्नर ने कहा कि एक सांप्रदायिकता (Communal ) का जवाब दूसरे तरफ की सांप्रदायिकता नहीं हो सकती।